(जयेंद्र गोले) : बिलासपुर : सरकार कितनी भी कोशिश कर ले मगर जमीनी स्तर में मरीजों की सेवा के लिए अपवाद बनकर बैठे अफसर उन्हें कभी उचित सुविधा नही देते।मामला बिल्हा का है जहां गर्भवती महिलाओं के लिए 50 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है।
लेकिन यहां पदस्थ बी एम ओ और बी पी एम की मनमानी और निजी अस्पताल से सांठ गांठ के चलते गरीब मरीजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
यही नही अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस चालकों की दादागिरी भी देखने को मिलती है, जिससे ये सारी कहानी साफ हो जाती है कि कैसे लामा का खेल चलता है।और आखिर क्यों ये उन महिलाओं को भर्ती नही करते है।
जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ बीएमओ सुभा गरेवाल और बीपीएम अनिल गढ़ेवाल अपना एक अलग ही नेटवर्क चला रहे है।यहां तक कि मरीजों को लाने लेजाने के लिए आने वाले 108 एम्बुलेंस को भी खड़ा करवा दिया जाता है।
और निजी एम्बुलेंस को मोटी रकम दिलवाने का काम भी किया जा रहा है।हालात ऐसे ही रहे तो वो दिन ज्यादा दूर नही जब निजी अस्पतालों के नुमाइंदे एक टेबल लगाकर ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों में बैठे रहेंगे।