केंद्र सरकार ने गेंहू के स्टॉक पर लगाई लिमिट,इतने से ज्यादा स्टॉक नहीं रख पाएंगे व्यापारी..
खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने सोमवार को गेंहू के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी है। अब कोई भी थोक विक्रेता, खुल्ला विक्रेता या व्यापारी 3 हजार क्विंटल से ज्यादा गेंहू अपने पास नहीं रख सकता और यह नियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा।
यह फैसला सरकार ने गेंहू की कालाबाजारी को रोकने और 2025 तक मूल्यों को स्थिर रखने और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि यह फैसला जमाखोरी को रोकेगा, हमारा लक्ष्य घरेलू मार्केट में गेंहू की उपलब्धता को सुनिश्चित करना और भाव को स्थिर रखना है। सरकार ने गेंहू पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और प्रतिबंधों को हटाने का आदेश जारी किया है, जो 31 मार्च, 2025 तक तुरंत प्रभावी है।
एक अधिकारी ने बताया कि नए नियमों के मुताबिक रिटेल विक्रेता और छोटी दुकानों को 10 टन तक गेंहू रखने की परमीशन है तो वहीं व्यापारियों ,थोकविक्रेता और बड़े रिटेलर्स को 3हजार टन का कैप को मानना पड़ेगा। प्रोसेसरों के लिए, यह सीमा उनकी मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) के 70 प्रतिशत को 2024-25 वित्तीय वर्ष के बाकी बचे महीनों से गुणा करके तय की गई है।
अधिकारी के अनुसार इस रबी सीजन में सरकार ने 266 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की है जो कि आवश्यक 188 लाख मीट्रिक टन के कहीं अधिक है। लेकिन घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर रखने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ज्यादा खरीदी होने के बाद भी गेंहू,चीनी और गैर-बासमती चावल पर से निर्यात प्रतिबंध हटाने की कोई योजना नहीं है।
गेंहू खरीद के मुद्दे पर बात करते हुए चोपड़ा ने कहा कि इस बार 112 मिलियन टन के रिकॉर्ड उत्पादन की खरीद हुई है। निजी व्यापारी भी सक्रिय हैं और एमएसपी से ऊपर के रेट पर गेंहू की खरीदी कर रहे हैं जिससे किसानों को फायदा हो रहा है।
यह एक सुखद विकास है, हम देश की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे पास पर्याप्त गेंहू का स्टॉक मौजूद है, और गेंहू को आयात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हलांकि पिछले कुछ वर्षों में गेंहू की खपत में वृद्धि हुई है।
हलांकि पिछले कुछ वर्षों में गेंहू की खपत में वृद्धि हुई है।
चोपड़ा ने कहा कि खराब मौसम के कारण सरकार को एमपी से आवश्यक गेंहू खरीदने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि वहां पर गेंहू कि उत्पादकता कम हूई है, गेंहू की कमी से जुड़ी सभी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए चोपड़ा ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में गेंहू है, स्टॉक सीमाएं निश्चित हैं