बजट सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की विपक्ष को नसीहत….
यह सत्र देशवासियों के सपनों की नींव रखने वाला है। देश बहुत बारीकी से हम सभी के काम को देख रहा है। यह गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई। तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो, यह गर्व का विषय है। देशवासी इसे गरिमा के तौर पर देख रहे हैं। मैं देशवासियों को जो गारंटी दे रहा हूं, उनको जमीन पर उतारने वाला यह बजट होगा। यह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है, उसकी दिशा यह बजट तय करेगा। यह बजट 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की मजबूत नींव रखेगा।
हर देशवासी के लिए गर्व की बात है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत में पॉजिटिव आउटलुक, इन्वेस्टमेंट और परफॉर्मेंस का माहौल है। हम बीते तीन सालों से लगातार 8 फीसदी की ग्रोथ कर रहे हैं। देशवासियों ने अपना फैसला ले लिया है। अब सभी चुने हुए सांसदों की जिम्मेदारी है कि अब दल के लिए नहीं बल्कि अगले 5 सालों में देश के लिए लड़ना है। मैं सभी राजनीतिक दलो से भी कहूंगा कि हम आने वाले साढ़े 4 साल के लिए देश को समर्पित हो जाएं।
आप जनवरी 2029 में मैदान में जाएं। आपको 6 महीने जो भी खेल खेलने हैं, खेल लीजिए। लेकिन तब तक सिर्फ देश के गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के सामर्थ्य के लिए जुट जाएं। 2047 के सपनों को पूरा करने के लिए हम ताकत लगा रहे हैं। मुझे आज बड़े दुख के साथ कहना है कि 2014 में कुछ सांसद 5 साल के लिए आए। कुछ लोगों को 10 साल काम का मौका मिला। लेकिन तमाम सांसद ऐसे रहे, जिन्हें सदन में अपनी बात कहने का मौका नहीं मिला। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ नकारात्मक लोगों ने अपनी विफलताओं को ढांकने के लिए सदन का दुरुपयोग किया। मैं अपील करूंगा कि नए सदस्यों को मौका मिले। उन्हें बोलने दिया जाए और ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आ सकें।
आपने देखा होगा कि पहले ही सदन में किस तरह उसकी आवाज को कुचलने का प्रयास हुआ, जिसे सरकार चलाने का जनादेश मिला है। ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री की आवाज दबाने की कोशिश हुई। यह सोचने की बात है कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है। दल के लिए नहीं। विपक्षी विचार गलत नहीं है, लेकिन नकारात्मकता बुरी चीज है।