सैलरीड क्लास के लिए राहत, TDS का बोझ होगा कम..
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 की घोषणा में टीसीएस यानी टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स प्रस्तावों से नाराज व्यक्तियों को अब थोड़ी राहत दी है। जबकि, टीडीएस रेट स्ट्रक्चर के जरिए टैक्सेशन रूल्स सिंपल करने का ऐलान किया है।
अभी कर्मचारियों को अपने नियोक्ता से अपनी इनकम डिक्लेयर करना पड़ता है। इनकम जैसे बैंक से मिले ब्याज और किराया। इससे कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम और बढ़ जाती है, जिससे मंथली सैलरी से अधिक टैक्स कटने लगता है।
कर्मचारी को अब एडवांस टैक्स का भुगतान करने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पर्याप्त टैक्स पहले ही रोक लिया गया है। यह 1 अक्टूबर से एक समान मानदंड लागू होगा। वेतनभोगी कर्मचारी टीसीएस घोषित करेगा और नियोक्ता इसे ध्यान में रखेगा।
इससे सैलरी इनकम के अगेंस्ट कम टीडीएस कटेगा। इसके अलावा अगर टीसीएस के कारण कोई रिफंड ड्यू था तो इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स को अब इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसे सैलरीड इनकम पर टीडीएस के अगेंस्ट एडजस्ट किया जाता है
टीसीएस भारतीय रिजर्व बैंक की स्कीम एलआरएस के तहत किए गए रेमिटेंसेज की एक विस्तृत श्रृंखला पर लागू होता है। यह किसी भी व्यक्ति को प्री-अप्रूवल के बिना हर साल 2.5 लाख डॉलर तक भेजने की अनुमति देता है। अब तक विदेश यात्रा पैकेज खरीदना जेब पर भारी पड़ता था।
क्योंकि 7 लाख रुपये तक के रेमिटेंस पर 5% टीसीएस देना पड़ता था। अगर खर्च अधिक था तो टीसीएस 20% था। यही नहीं, विदेश में रह रहे बच्चे के पास 7 लाख रुपये से अधिक पैसा भेजने पर 5% की दर से टीसीएस काटा जाता था (शिक्षा ऋण के जरिए रेमिटेंस के लिए दर कम थी)।
बजट में 5 प्रतिशत टीडीएस रेट को 2 प्रतिशत टीडीएस रेट के साथ मर्ज कर दिया जाएगा। सरकार ने कुछ वर्गों में टीडीएस दरों को 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
जीवन बीमा पॉलिसी, लॉटरी टिकटों की बिक्री पर बीमा कमीशन, कमीशन आदि के भुगतान, कमीशन या ब्रोकरेज के भुगतान, व्यक्तिगत या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) द्वारा किराए का भुगतान, कुछ व्यक्तियों या एचयूएफ द्वारा कुछ रकम का भुगतान, ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा ई-कॉमर्स प्रतिभागियों को कुछ रकम का भुगतान के तहत टीडीएस दरों को 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।