बिलासपुर

जमीन के लेनदेन को बताया सूदखोरी, 10 लाख लेने वाले ज्ञानचंद पाठक की हुई शिकायत, मनोज सिंह ने कहा – सारे दस्तावेज के आधार पर हो निष्पक्ष जांच….

बिलासपुर – बीते 8 जुलाई को सरकंडा निवासी ज्ञानचंद पाठक ने आईजी, पुलिस अधीक्षक और सरकंडा थाना प्रभारी से सूदखोरी की शिकायत की थी। जिसमे उन्होंने बताया था कि आवश्यकता पड़ने पर उसने अपने परिचित अशोक नगर चौक निवासी गिरीश शर्मा के पूर्व परिचित गीतांजलि सिटी फेस वन में रहने वाले मनोज सिंह से दो किश्तों में 5% प्रतिमाह की दर से 10 लाख रुपये लिए थे। जिसका भुगतान उन्होंने नगद देकर कर दिया था, जिसके बाद भी मनोज सिंह उसे बार-बार पैसे के लिए प्रताड़ित कर रहा हैं और जान से मारने की धमकी दे रहा है।

यह हुई एक पक्ष की बात जो ज्ञानचंद पाठक ने अपने शिकायत पत्र में कहा, अब आपको बताते दूसरे पक्ष की बात जो है मनोज सिंह की, 19 जुलाई को मनोज सिंह ने न्यायमूर्ति हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री छ.ग. शासन, डिप्टी सीएम, डीजीपी, आईजी, एसपी समेत सरकंडा थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने बताया कि –

मैं गीतांजली सिटी फेस-01, थाना-सरकंडा, बिलासपुर छ.ग. का मूल निवासी हूँ तथा मै कृषक हूँ तथा मेरा पूर्व से ज्ञानचंद पाठक नामक व्यक्ति से परिचय था तथा हम दोनो के मध्य अच्छा मधुर संबंध स्थापित था इसी बीच ज्ञानचंद पाठक ने घरेलु कार्य हेतु मुझसे 3,00,000/-रू. (तीन लाख रूपये) की रकम मांगा, जिस पर अच्छे संबंध होने के कारण मैनें ज्ञानंचद पाठक को 3,00,000/- रू. (तीन लाख रूपये) पंजाब नेशनल बैंक शाखा लिगिंयाडीह के चेक कमांक 803865 के माध्यम से दिनांक 03.08.2022 को दिया गया तथा उक्त रकम चेक के माध्यम से देते समय नोटरी के समक्ष 50/-रू. के स्टाम्प पर एक इकरारनामा का निष्पादन राममनोहर दुबे नोटरी सरकंडा कार्यालय बिलासपुर में हुआ तथा इसी बीच वह पुनः मुझसे 2,00,000/- रू. (दो लाख रूपये) घरेलु कार्य हेतु मांगा जिस पर मैनें दिनांक 09.12.2022 को जिला सहकारी बैंक शाखा अकलतरा के चेक क्रमांक 237346 के माध्यम से 1,40,000/-रू. (एक लाख चालीस हजार रूपये) तथा एक चेक बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा राजकिशोर नगर जिसका चेक क्रमांक 000107 को उसी दिनांक को 60,000/-रू. (साठ हजार रूपये) का ज्ञानचंद पाठक को प्रदान किया गया, दिनांक 09.12.2022 को इकरारनामा के पृष्ठ भाग पर ज्ञानचंद पाठक को 1,40,000/-रू. (एक लाख चालीस हजार रूपये) का चेक प्राप्त होने का उल्लेख किया है परंतु बैंक के तकनीकी त्रुटि के कारण उसे 1,40,000/-रू. (एक लाख चालीस हजार रूपये) नहीं हो सका तथा 60,000/- रू. (साठ हजार रूपये) की राशि का भुगतान हो गया।

आधिपत्य का भूमि था और बोला कि उक्त भूमि को मुझे बेचना है अगर कोई ग्राहक मिले तो बताना इस पर मैनें कहा कि मुझे भी एक जमीन चाहिए आप उक्त भूमि को दिखा दों। इस पर ज्ञानचंद पाठक ने मुझे उक्त भूमि को दिखाने के लिए ले गया तब ज्ञानचंद के द्वारा जमीन संबंधित दस्तावेज की एक प्रतिलिपि एवं बी-1 प्रदान किया गया, तथा मुझे पसंद आया और मैं खरीदने के लिए तैयार हो गया तथा मैं बोला कि वर्तमान में मेरी स्थिति अच्छी नही है, किश्तों के आधार पर दिसंबर 2023 तक रजिस्ट्री भुगतान पंजीयन करा पाउंगा। इसलिए हम दोनो के बीच उक्त भूमि के संबंध में एक बैठक हुई जिस पर उसने उक्त भूमि जो कि परिवर्तित भूमि है जिसका मौजा-सरकंडा, ख.नं. 592/16 रकबा 0.0190 हेक्टे. रा. नि.म.-बिलासपुर, तह. व जिला-बिलासपुर छ.ग. मे स्थित भूमि को 21,00,000/- रू. में विक्रय करने के लिए प्रस्ताव दिया गया जिस पर मैनें अपनी सहमति दी। तथा मेरे द्वारा उक्त भूमि को कय करने हेतु उसे राशि दी गयी। प्रथम किश्त 2,00,000/- रू. (दो लाख रूपये) बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा राजकिशोर नगर का चेक कमांक 000119 दिनांक 29.05.2023 तथा दूसरा किश्त दिनांक 21:11.2023 को 4,40,000/- रू. (चार लाख चालीस हजार रूपये) आर.टी. जी.एस. जिसका यू.टी.नंबर बी.ए.आर.बी.आर. 52023112100760648 बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा राजकिशोर नगर के माध्यम से उक्त भूमि के कय हेतु मेरे द्वारा 6,40,000/-रू. (छः लाख चालीस हजार रूपये) चेक एवं आर.टी.जी.एस. के माध्यम से दे दिया गया। इस प्रकार से 14,60,000/- रू. (चौदह लाख साठ हजार रूपये) शेष है। उक्त भूमि के कय करने हेतु प्रथम किश्त दिये जाने के उपरांत मेरे द्वारा इकरारनामा निष्पादित करने हेतु ज्ञानचंद पाठक को बोला गया तो उसका कहना था आपके और हमारे बीच मधुर संबंध है, इकरारनामा की आवश्यकता नही पड़ेगी। उसके इन बातों पर विश्वास कर मैनें प्रथम व द्वितीय किश्त को बिना इकरारनामा के राशि दे दिया गया। फिर मै बोला कि काफी समय हो गया है और आप उक्त भूमि का इकरारनामा भी नही करवा रहे है और रजिस्ट्री भी नही करा रहे है, मै बोला कि आप घरेलु कार्य के लिए मुझसे 3,60,000/-रू. (तीन लाख साठ हजार रूपये) लिये थें इस प्रकार कुल आपने मुझसे 10,00,000/-रू. (दस लाख रूपये) लिया गया, परंतु आप रजिस्ट्री कराने हेतु कोई रूचि नहीं ले रहे है।

अनेकों बार मै 11,00,000/- रू. (ग्यारह लाख रूपये) लेकर ज्ञानचंद पाठक के निवास स्थान मे गया परंतु वह टालमटोल करता रहा तथा बहाना भी बनाता रहा क्योंकि वह उसे उक्त भूमि की रजिस्ट्री मेरे पक्ष… में नही करनी थी इस पर मैनें बोला कि आप उक्त जमीन को विक्रय नही कर रहे हों तो आप मेरे द्वारा दिये गये पैसे को वापस लौटा दों। इस पर उसने भारतीय स्टेट बैंक शाखा सरकंडा बिलासपुर छ.ग. का एक चेक कमांक 283149 राशि 5,00,000/- रू. (पांच लाख रूपये) का दिया और उसे मैनें अपने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा राजकिशोर नगर बिलासपुर छ.ग. मे दिनांक 06.02.2024 को जमा किया गया जिसमें दिनांक 08.02.2024 को बैंक द्वारा रिटर्न मेमो रिपोर्ट प्राप्त हुआ जिसमें अपर्याप्त रकम होने के कारण चेक अनादरित होकर मुझे वापस प्राप्त हो गया तथा इस अनादरित चेक के संबंध में मैनें ज्ञानचंद पाठक को सूचना दिया जिस पर उसका कहना था कि मैं तुम्हें एक नया चेक दूंगा उसे तुम अपने बैंक में जमा कर रकम प्राप्त कर सकते हों, इस पर ज्ञानचंद पाठक द्वारा मुझे आई.डी.बी. आई. के 10,00,000/-रू. का एक चेक कमांक 107481 प्रदान किया गया जिसे नैनें अपने बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता क्रमांक 32220200000262 में दिनांक 15.07.2024 को भगुतान हेतु जमा किया गया जो कि अपर्याप्त रकम होने के कारण उक्त चेक का भुगतान मुझे नही हो पाया और वह दिनांक 18.07.2024 को “Account Blocked situation covered in 2125” के टीप के साथ अनादरित हो गया। मैनें पुनः ज्ञानचंद पाठक से संपर्क कर उक्त चेक के अनादरित होने की जानकारी दी, जिस पर उसने मुझे धमकी दी कि मैं आपके द्वारा दिये गये रकम को न लौटाउंगा और न ही मै इकरारनामा करूंगा और न ही उसे बिकी करूंगा इस पर मै घबरा गया क्योंकि मुझे 10,00,000/- रू. (दस लाख रूपये) का आर्थिक नुकसानी हुई और उक्त ज्ञानचंद पाठक द्वारा मेरे साथ छल कर आर्थिक नुकसान के साथ ही मानसिक नुकसानी पहुंचाया है।

अतः महोदय से निवेदन है कि ज्ञानचंद पाठक, उम्र 57 वर्ष, पिता स्व. बाबूलाल पाठक, निवासी-रामाग्रीन सिटी, थाना-सरकंडा, बिलासपुर (छ.ग.) मो.नं. -8889088779 के विरूद्व प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की कृपा करें।

मनोज सिंह सभी दस्तावेज के साथ एसपी ऑफिस पहुँचे और एसपी रजनेश सिंह से मिलकर उनको ज्ञापन सौपा, एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि दस्तावेज के आधार पर विवेचना शुरू की जाएगी।

मनोज सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि ये मामला सूदखोरी का हैं ही नहीं ये मामला जमीन लेन-देन का हैं, ज्ञानचंद पाठक ने जो आरोप लगाया हैं वो निराधार हैं, उसके जवाब में हमारे पास सारे दस्तावेज मौजूद हैं, हमने इसकी शिकायत कर दी हैं, और जांच के बाद सब कुछ सामने आ जायेगा कौन गलत हैं और कौन सही।

ज्ञानचंद पाठक ने जो आरोप लगाया हैं सूदखोरी का, वह सही है या नही ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा, पर उसने ज्ञापन में लिखा की मुझे 2 किश्तों में 5-5 लाख रुपये प्राप्त हुए जबकि, मनोज सिंह के द्वारा दिये गए चेक विवरण के हिसाब उन्होंने चेक कई किस्तों में दिया हैं, जिसमे से एक भी चेक 5 लाख का नही हैं।

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