कोलकाता मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा – काम पर लौट आएं प्रदर्शनकारी डॉक्टर….
कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदर्शन डॉक्टरों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें काम पर लौटना होगा, वरना ऐक्शन लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टमार्टम दस्तावेज गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार भी लगाई। मामले में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने यह भी सवाल पूछा कि अस्पताल और प्रिंसिपल के घर के बीच की दूरी कितनी है?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले की जांच पर 17 सितंबर तक नई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सीलबंद कवर में दायर रिपोर्ट पर गौर किया। पीठ ने कहा, “सीबीआई द्वारा एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि जांच प्रगति पर है, हम सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं। हम अपनी जांच में सीबीआई का मार्गदर्शन नहीं करना चाहते हैं।”
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में भी पूछताछ की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि यह लगभग 15-20 मिनट की दूरी पर है। सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने के समय पर भी स्पष्टीकरण मांगा। मामले में कोलकाता सरकार के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था, लेकिन एफआईआर दोपहर 2:55 बजे दर्ज की गई।
अदालत ने तलाशी और जब्ती के समय के बारे में भी पूछा तो सिब्बल ने कहा कि रात 8:30 बजे से रात 10:45 बजे तलाशी हुई। अदालत ने पूछा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे। सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कंफर्म किया कि कुल 27 मिनट की चार क्लिप दी गई हैं।
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिया है कि आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में लगाई गईं सीआईएसएफ की तीनों कंपनियों को आवास की सुविधा प्रदान की जाए। न्यायालय ने सीआईएसएफ कर्मियों को जरूरी सभी सुरक्षा संसाधन भी आज ही मुहैया कराने का निर्देश दिया।