स्वास्थ्य विभाग के अनसुलझे सवाल ? दिया तले अंधेरा
(आशीष मौर्य के साथ जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर जिले के सभी ब्लाकों में उल्टी-दस्त. मलेरिया, डेंगू, स्वाईनफलू जैसे महामारी फैले हुए है जिससे बच्च्चे सहित कई अधेड लोगों की जान जा चुकी है, परन्तु विभागीय एवं शासन के अधिकारी को कार्यादेश / संलग्नीकरण दिखाई नहीं पड़ता।
वैसे भी कई वर्षों से शासन द्वारा मैदानी क्षेत्रो में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गयी है परन्तु जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी है वे विभिन्न विकासखण्ड एवं प्राथ. स्वा. केन्द्र के मैदानी स्वास्थ्य कार्यकताओं द्वारा अपने उच्च अधिकारी से साठ-गाठ या लेन-देन कर अपने आप को जिला कार्यालय (कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर) में कार्यादेश / संलग्नीकरण के तहत आफिस में बैठकर आफिस कार्य कर रहें है। एक तरफ मैदानी क्षेत्रों में लोगों की जांन जा रही है पर उच्च अधिकारियों को इस पर किसी भी प्रकार की सहानुभूति या मानवता, इनसानियत खत्म हो चुकी है। इसलिए कुछ दिन पहले मान. कलेक्टर महोदय द्वारा सघन दौरा एवं छापामार कार्यवाही करायी गयी। जिसमें स्टाफ की कमी को महसूस किया गया, परन्तु जिले के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा आँख बंद कर गहरी निंद में है। जिन कर्मचारियों के कार्यमुक्त करने की बात पर इनके हाथ पैर ठंथे हो जाते है की अब क्या होगा?
अब मिडिया जगत को भी कार्यादेश/संलग्नीकरण दिखने लगा है जिसकी जानकारी दिनांक 03.09.24 को एक दैनिक समाचार पत्र में उल्लेख किया गया है। परन्तु ये सोचने का विषय है कि मिडिया वालों को पता है परन्तु विभाग की जिम्मेदारों को नहीं। ऐसा क्यों?
छ.ग. शासन के आदेशानुसार संलग्नीकरण / कार्यादेश पूर्णतः प्रतिबंध है इसके विषय में किसी भी प्रकार का दिशानिर्देश नहीं है ये अधिकारियों की अपने चहेतों को उपकृत कर आर्थिक लाभ कमाने का जरिया तो नहीं बन गया है। इसी लिए इनको कार्यमुक्त या पदस्थापना स्थल पर नहीं भेजा जाना कई संदेहों को जन्म देती है। कुछ लोगो को उनके पदस्थाना स्थल के लिये कार्यमुक्त किया गया है परन्तु उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण कर महनों से घर में बैठे-बैठे ही बिना कार्य के पूरे माहों का वेतन आहरण किया जा रहा है।
विकास खण्डों के निम्न अपने चहेते कर्मचारियों को सीएमएचओ कार्यालय बिलासपुर में कार्यादेश / संलग्नीकरण कर मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता से लिपिक कार्य लिया जा रहा है-1.प्रवीण शर्मा, शहरी प्राथ.स्वा. केन्द्र बंधवापारा (हेमूनगर) ,एमपीडब्ल्यू ,इनका मूल कार्य राष्ट्रीय कार्यक्रम के अतर्गत फिल्ड उल्टी-दस्त, मलेरिया, डेंगू
स्वाईनफलू महामारी मरीजों की
खोज करना एवम टीकाकरण में सहयोग करना है परंतु इनके द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत नर्सिंगहोम, क्लीनिक एवं लेब का लायसेंस देना तथा
झोलाछाप डाक्टर क्लीनिक की सील लगाते है। इसी प्रकार
2नौसाद अहमद, सामु.स्वा. के. बीईटीओ रतनपुर, कोटा ,बीईटीओ,एमपीडब्ल्यू एवं एएनएम से रिपोर्टिंग लेना एवं स्वयं फिल्ड कार्य करना, महामारी नियंत्रण की प्रशिक्षण देना, उल्टी-दस्त, मलेरिया, डेंगू, स्वाईनफलू महामारी मरीजो की खोज करना, पर ऑफिस में वाहन शाखा, चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता एवं स्टेशनरी शाखा में लिपिक कार्य कर रहें है।
3.आर.पी शर्मा प्राथ स्वास्थ्य केंद्र
लूथरा शरीफ,नेत्र सहायक,मूल कार्य मरीजों के आँख का जाच कर चश्मा वितरण पर कार्यालय में नेत्र विभाग में लेखा कार्य लिपिकीय कार्य करते है।
4 महेन्द्र साहू, शहरी प्राथ.स्वा.केन्द्र गांधी चैक एमपीडब्ल्यू राष्ट्रीय कार्यक्रम के अतर्गत फिल्ड काय पर ऑफिस में लिगल अनुभाग लिपिक कार्य करते है।
5 परमेश्वर तिवारी, सामु.स्वा.के. रतनपुर, कोटा
सहा.ग्रे-2
सीएचसी में स्थापना का कार्य करना
पर सीएमएचओ ऑफिस में स्थापना अनुभाग का संपादन
6 शशांक वर्मा, प्राथ.स्वा.केन्द्र आमागोहन, कोटा
सहा.ग्र.-3
पीएचसी में स्थापना का कार्य करना पर ऑफिस में
पीसीपीएनडीटी अनुभाग में कार्य
7तनुजा श्रीवास्तव
ने.सहा.अधि.संविदा कर्मचारी
पीएचसी कडार, बिल्हा सविदा को नियम विरुद्ध
जिला चिकित्सालय बिलासपुर में संलग्न किए है।
8 संगीता गेडाम
ने.सहा.अधि.
पीएचसी दगोरी बिल्हा
जिला चिकित्सालय बिलासपुर
9
जितेन्द्र गहवई
ने.सहा.अधि.
चलित नेत्र ईकाई बिलासपुर
शहरी प्राथ.स्वा.के. बंधवापारा, हेमूनगर
10
समीक्षा विश्वकर्मा
ने.सहा.अधि.
अतिशेष
जिला चिकित्सालय बिलासपुर
11
श्यामू सोनी
सहा.ग्रे.-3
पीएचसी लिंगियाडिह, बिल्हा
आरटीआई एवं आवक जावक में लिपिक कार्य
12
चित्रलेखा पाण्डे
एएनएम
उप स्वा केन्द्र सेलर बिल्हा, आवक जावक में लिपिक कार्य।
वही इन सभी को नहीं हटाने का कारण हम ओवरराइटिंग के रूप में दूसरे एपिसोड में प्रस्तुत करेंगे।