भू-माफिया गुरुचरण सिंह होरा और बेटे तरनजीत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, देवेंद्र नगर पुलिस सरगर्मी से कर रही तलाश..बाप बेटा फरार
रायपुर – भू-माफिया और केबल माफिया के रूप में चर्चित गुरुचरण सिंह होरा और उनके बेटे तरनजीत के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद से दोनों फरार हैं। देवेन्द्र नगर थाने में धारा धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित सहित 318(4),316(2),61(2),3(5), 336, 338,और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद से पुलिस लगातार दोनों की तलाश कर रही है। हाल ही में, जिला न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
गुरुचरण सिंह होरा और उनके बेटे पर करोड़ों रु की हेरा-फेरी और हेथवे सीसीएन मल्टिनेट प्राइवेट लिमिटेड केबल कंपनी पर अवैध कब्जे कर लेने का गंभीर आरोप है। इन आरोपों के अलावा, गुरुचरण सिंह होरा पर भिलाई में एक टीवी एंकर से छेड़छाड़ और कमल विहार तथा महादेव घाट में सरकारी जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप भी हैं।
आरोपी गुरु चरण सिंह होरा और अन्य के ऊपर लगी धाराओं को भी जानिए, जिसमे अधिकतम 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.
धारा :-(🍁)BNS 318(2)=यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उसे न्यायालय द्वारा 2 वर्ष तक की कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया सकता है।
(🍁)BNS 316(2)=भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(2) के तहत, अगर कोई व्यक्ति धारा 316(1) में बताए गए आपराधिक विश्वासघात के अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे 5 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.
(🍁)BNS 61(2)=बीएनएस धारा 61 की उपधारा (2): इस उपधारा (Sub Sections) में बताया गया है कि जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में समझौता करके किसी अपराध या अवैध कार्य को करने के लिए कदम उठाते है। तो ऐसे व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित (Punished) किया जा सकता है।
(🍁)BNS 336(3):-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 336 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति जनता या किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से, या किसी दावे का समर्थन करने के लिए, या कोई गलत दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाता है, तो उसे जालसाज़ी का अपराध माना जाएगा. इस मामले में, सज़ा के ये नियम लागू होते हैं:
अगर जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जाना हो, तो सात साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.
(🍁)BNS 340(2):-भारतीय न्याय संहिता की धारा 340(2) के अनुसार, जो कोई किसी ऐसे दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इसके बारे में जानता है या उसे विश्वास है कि वह जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है, कपटपूर्वक या बेईमानी से उसका असली के रूप में उपयोग करता है, तो उसे उसी प्रकार दंडित किया जाएगा।
(🍁)BNS 338:-भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसे दस्तावेज़ की कूटरचना करता है, जिसका मतलब मूल्यवान प्रतिभूति, वसीयत, या पुत्र को गोद लेने का अधिकार होना है, तो यह अपराध है. इसके अलावा, अगर किसी दस्तावेज़ में किसी व्यक्ति को मूल्यवान प्रतिभूति बनाने या हस्तांतरित करने, या मूलधन, ब्याज़, या प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है, और उसमें भी कूटरचना की जाती है, तो यह भी अपराध है
सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब गुरुचरण सिंह होरा और तरनजीत को किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन दोनों फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं। पढ़िए क्या था पूरा मामला….👇
सी.सी.एन.मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे राजनीतिक रसूख और प्रशासनिक दबाव के दम पर अनधिकृत रूप से कब्जा करने, फर्जी दस्तावेज बनाकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने, गबन करने, आपराधिक साजिश रचने के मामले में रायपुर देवेंद्र नगर थाना पुलिस ने कारोबारी अभिषेक अग्रवाल की शिकायत पर भूमाफिया गुरु चरण सिंह होरा, बेटा तरण जीत सिंह होरा, गुरमीत सिंह भाटिया और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र के गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज था।
आरोपी गुरुचरण सिंह होरा नें वर्ष 2019-2020 मे हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड मे भागीदार गुरमीत सिंह भाटिया के कंधे का सहारा लेकर,हैथवे सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे अवैध रूप से प्रवेश करना चाहा.कारोबारी ने आरोप लगाया है कि आरोपी गुरुचरण सिंह होरा नें तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा का डर दिखाकर ऑफिस में बंधक बनाया, जबरन कोरे कागज पर साइन कराने का प्रयास किया। फिर षड्यंत्र कर कंपनी पर कब्जा कर लिया।
गुरुचरण सिंह होरा की काली करतूत :- केबल व्यवसाय में एक छत्र राज करने की नीयत से गुरचरण सिंह होरा नें उच्च अधिकारियों का डर और भय पैदा करके धीरे-धीरे षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया. पूर्व सरकार में प्रभावशाली एक रिटायर्ड आईएएस का सहयोग लेकर गुरुचरण सिंह होरा नें केबल व्यवसाय से जुड़े करीब 20 लोगों के ऊपर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानो में फर्जी FIR दर्ज कराया.प्रार्थी नें बताया की वर्ष 2019-20 मे हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड का अल्प भागीदार गुरमीत सिंह भाटिया का रिश्तेदार गुरुचरण सिंह होरा कंपनी के कार्यों में आपराधिक नियत एवं दुर्भावना से हस्तक्षेप करने लगा और कभी कभी कंपनी के ऑफिस में आकर वह बोलता था कि इस कंपनी का मालिक मैं हूं और इस कंपनी में गुरमीत सिंह भाटिया द्वारा लगाया गया पैसा मेरा है और गुरमीत सिंह भाटिया तो केवल नाम का पार्टनर है.इस तरह गुरु चरण सिंह होरा नें हैथ्वै सी. सी. एन. मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड मे अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया.
कंपनी के डायरेक्टर की अनुपस्थिति को दिखाया उपस्थित और कर दिया खेल :- आरोपी गुरुचरण सिंह होरा नें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की गुप चुप तरीके से अवैध रुप से बैठक बुलवाई, और उस बैठक मे आवेदक अभिषेक अग्रवाल की उपस्थिति दर्ज कर दी, जबकि डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल उस बैठक मे नहीं गये थे. गुरुचरण सिंह होरा और उसकी टीम नें आपराधिक षड़यंत्र रचते हुए हैथ्वे सी. सी. एन. मल्टीनेट प्रायवेट लिमिटेड को अभिषेक अग्रवाल की बिना सहमति और बिना हस्ताक्षर के कुटरचना कर धोखाधड़ी से कंपनी का नाम ग्राण्ड अर्श मल्टीनेट प्रायवेट लिमिटेड कर लिया और कंपनी की सारे उपकरण, कार्यालय, कार्यालय के फर्नीचर और कार्यालयीन दस्तावेजों पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया और कंपनी के करीब 48,500 नग सेटऑप बॉक्स जिसका बाजार मूल्य लगभग चार करोड़ पचीस लाख रुपये है, को छल एवं धोखे से अपने अवैध कब्जे मे लेकर अपनी नई कंपनी में लगाकर इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही गुरुचरण सिंह होरा ने कंपनी के हक, हिस्से का लगभग 150 किलो मीटर फाईबर केबल एवं अन्य तकनीकी उपकरण रातो-रात गायब कर दिया और नई कंपनी अर्श मल्टीनेट कंपनी प्रायवेट लिमिटेड में डायरेक्टर बन गया।इसी प्रकार कंपनी के सेटऑप बॉक्स को अपनी कंपनी में अवैध रुप से धोखाधड़ी एवं छल से हासिल कर उपयोग करने का प्रमाण स्वयं ग्राण्ड विजन रायपुर द्वारा भेजे ई-मेल में मौजूद है, जिसमें हैथ्वे सी. सी.एन. प्रायवेट लिमिटेड रायपुर के 48,659 सेटटाप बॉक्स को टेक ओवर करने की स्वीकृति प्रमाणित आवश्यक दस्तावेज है.