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हसल कल्चर पर स्विगी CEO की दो टूक..

वर्क प्रेशर के बीच पर्सनल लाइफ को बर्बाद करने वाले कर्मचारियों को लेकर स्विगी फूड एंड मार्केटप्लेस के सीईओ रोहित कपूर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान हसल कल्चर की आलोचना करते हुए कर्मचारियों को घर जाने की सलाह दी।

इसके साथ ही काम और निजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बता दें कि बीते कुछ समय से कॉरपोरेट में हसल कल्चर बढ़ता दिख रहा है। इसके तहत कर्मचारी कामयाबी और प्रोडेक्टिविटी की तलाश में खुद को काम में झोंक देना पसंद करता है।

स्विगी फूड एंड मार्केटप्लेस के सीईओ रोहित कपूर ने बताया कि कुछ व्यक्ति देर रात तक काम करने का दावा करते हैं, लेकिन वे यह नहीं बताते कि वर्कआवर यानी उनके काम शुरू करने की टाइमिंग देर से होती है।

उन्होंने कहा- वो जो 3 बजे रात को बैठते हैं ना वो ये नहीं बताते कि 1 बजे दोपहर में ऑफिस पहुंचते हैं। कपूर ने यह भी कहा कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत आवश्यक है, लेकिन यह किसी के निजी जीवन की कीमत पर नहीं आनी चाहिए।

उन्होंने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताने के महत्व पर जोर दिया और कर्मचारियों को काम के बाहर अपने रिश्तों को प्राथमिकता देने के लिए कहा। कपूर ने ज्यादा काम के घंटों को महिमामंडित करने की धारणा का कड़ा विरोध किया।

कपूर ने समझाया- हां, ऐसे समय होते हैं जब आपको अतिरिक्त घंटे लगाने की आवश्यकता हो सकती है लेकिन यह आदत या सम्मान का प्रतीक नहीं बनना चाहिए।

दरअसल, बीते दिनों ईवाई के पुणे परिसर में कार्यरत 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन पेरायिल की कंपनी में शामिल होने के मात्र चार महीने बाद ही कथित तौर पर काम के दबाव के कारण मृत्यु हो गई।

एना की मां की तरफ से ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे गए पत्र के मुताबिक, एक नए कर्मचारी के रूप में एना पर बहुत ज़्यादा काम का बोझ था, जिसने उन्हें शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रभावित किया था।

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