(भूपेंद्र सिंह राठौर के साथ जयेंद्र गोले) : मरवाही वन मंडल में आतंक फैलाने वाले भालू की कानन पेंडारी जू में उपचार के दौरान मौत हो गई। यह वही भालू है जिसने दो ग्रामीणों की जान ली और पांच अन्य को घायल कर दिया था। वन अफसरों की मौजूदगी में भालू का पोस्टमार्टम किया गया और फिर जू परिसर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मरवाही वन मंडल में बीते कुछ समय से भय का कारण बने नर भालू की मौत हो गई है। करीब 9 से 10 साल के इस भालू को उसके आक्रामक व्यवहार के कारण वन विभाग ने रेस्क्यू करने का निर्णय लिया था। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने भालू को बेहोश कर पकड़ लिया।
जांच में पाया गया कि भालू के शरीर पर चार जगहों पर टांगी से किए गए हमले के गहरे घाव थे। गंभीर रूप से घायल भालू को इलाज के लिए रविवार देर रात कानन पेंडारी जू लाया गया।
जहां वन्य प्राणी चिकित्सक पीके चंदन ने उसका इलाज शुरू किया। भालू की जान बचाने के लिए जू प्रबंधन ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन बीती रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई।
सूत्रों के अनुसार, भालू के गहरे घावों में खून बहने और संक्रमण फैलने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। रात में ही जू प्रबंधन ने अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद अचानकमार बायोस्फीयर रिजर्व के संचालक व डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश और एसडीओ गोपाल सिंह राजपूत मौके पर पहुंचे।
जू के अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में भालू का अंतिम संस्कार जू परिसर में ही कर दिया गया।