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दुर्बल रहना अपराध है, हिन्दू समाज को समझ में आना चाहिए ऐसा क्यों बोले मोहन भागवत..

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत विजयादशमी के मौके पर आज नागपुर के रेशम बाग मैदान में ‘शस्त्र पूजन’ किया. हर साल दशहरा के अवसर पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम पर सभी की नजरें होती हैं. फिलहाल संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वंयसेवकों को संबोधित कर रहे हैं.

संघ प्रमुख के संबोधन से पहले आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पथ संचालन किया. इस दौरान स्वयंसेवक पारंपरिक गणवेश में बैंड के साथ परेड निकालते हुए नजर आए.

कॉलेज स्कूल में जो शिक्षा मिलती है, वो प्रबोधन होता है. भाषण होता है… समाज में जिनको देखकर लोग चलते हैं..जिनको बड़ा माना जाता है, वो जैसा करते हैं, लोग वैसा करते हैं. उनको करने वालों को यह देखना चाहिए कि उन्हें ऐसा करना है, जिससे समाज को धक्का नहीं लगा

समाज के सभी वर्गों में व्यक्तियों और कुटुंबों की मित्रता होनी चाहिए. वहां रहने वाले सभी प्रकार के रहने वालों में मेरी मित्रता होनी चाहिए. खान-पान, और बोलचाल अलग होने के बावजूद भी मित्रता होनी चाहिए, तभी समरसता होगी.

वाल्मिकी जयंती केवल वाल्मिकी जयंती सबको मनाने चाहिए. सभी को सहभागिता करनी चाहिए. सभी हिंदुओं को सहभाग करने चाहिए. अपने समाज में अनेक जाति वर्ग है जहां अलग अलग संस्थाएं नेतृत्व करती हैं

अभी गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था. ऐसे में प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए. कई जगह लिया भी गया, कई जगह नहीं भी हुआ..गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए, किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए.

अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है. पुलिस प्रशासन का काम है रक्षा करना लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है. मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं. ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा

हम देख रहे हैं कि भारत वर्ष में इस प्रकार मन वचनों पर कुप्रभाव हो रहा है. कोई बात छिपती नहीं है. बच्चों के हाथ पर भी मोबाइल है. वो क्या देख रहे हैं इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है.

इसके कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है… एक द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ, महाभारत हो गया. सीता हरण हुआ रामायण हो गया…आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ वो लज्जित करने वाला हो गया है.ऐसा नहीं होना चाहिए था. होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है-

अपने यहां सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं चलना चाहिए, पेड़ लगाओ. गमलों में भी खेती हो सकती है. घर की हरियाली बढ़ाओं. गांव-शहर मोहल्ले में पेड़ लगाओ..

कई पेड़ हमने फैशन के चलते लगाए जिनको काटने के लिए अब सरकार कह रही है क्योंकि उससे विकार आते हैं. हमारे यहां नीम का पेड़ है जो गुणकारी है- मोहन भागवत

-जागृति की समस्या है. पर्यावरण की समस्या जिससे सारी दुनिया ग्रसित हो गई है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. बारिश नहीं होगी तो इतनी नहीं होती है कि मुंह में छाले पड़ जाते हैं. जब बारिश होती है तो इतनी होती है कि सारे छाले बहा ले जाती है. पहले दुनिया में ये दिक्कत थी लेकिन अब अपने देश में भी ये हो रहा है… जंगल कट गए.

हरियाली नष्ट हो गई. नदियां सूख गई हैं. हमें अपने विचार में बदलाव करना होगा. जो पर्यावरण के प्रति पांरपिरक रास्ते हैं उन्हें अपनाना होगा. जैसे जैविक खेती है, उसका 10 हजार साल का इतिहास है, कैमिकल खेली 200 साल में ही तबाह हो गई है-

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