लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली बाबा सिद्दीकी के हत्या की जिम्मेदारी….!
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। हत्याकांड के कुछ घंटे बाद कुख्यात बिश्नोई गिरोह की ओर से सोशल मीडिया एक पोस्ट किया गया। फिलहाल, केंद्रीय एजेंसियां इसकी सत्यता को लेकर जांच कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पोस्ट शुबू लोंकर के फेसबुक अकाउंट से किया गया, जो बिश्नोई गिरोह का सहयोगी शुभम रामेश्वर लोंकर हो सकता है। शुभम लोंकर को इसी साल अवैध हथियार रखने के आरोप में महाराष्ट्र के अकोला से गिरफ्तार किया गया था। माना जाता है कि बिश्नोई गैंग से उसके मजबूत संबंध हैं। पुलिस ने जब शुभम से पूछताछ की तो उसने वीडियो कॉल पर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से बातचीत और उस कुख्यात गिरोह से जुड़ने की बात कबूल की थी।
शुबू लोंकर के पोस्ट में लिखा गया, ‘सलमान खान हम ये जंग चाहते नहीं थे पर तुमने हमारे भाई का नुकसान करवाया। आज जो बाबा सिद्दीकी के शराफत के पुल्ल बंद रहे हैं, वो एक टाइम में दाऊद के साथ मकोका एक्ट में था। इसके मरने का कारण अनुज थापन और दाऊद को बॉलीवुड, राजनीति, प्रॉपर्टी डीलिंग से जोड़ना था। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, पर जो भी सलमान खान और दाऊद गैंग की हेल्प करेगा अपना हिसाब-किताब लगाके रखना। हमारे किसी भी भाई को कोई भी मरवाएगा तो हम प्रतिक्रिया जरूर देंगे। हमने पहले वार कभी नहीं किया। जय श्री राम, जय भारत।’
66 वर्षीय एनसीपी नेता की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा पूर्व में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की विभिन्न पहलुओं से जांच शुरू कर दी है। इसमें सुपारी लेकर हत्या, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता या एक बस्ती की पुनर्वास परियोजना को लेकर मिली धमकी के पहलू भी शामिल हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत किए जाने का संदेह है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने 2 कथित हमलावरों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान हरियाणा निवासी 23 वर्षीय गुरमेल बलजीत सिंह और उत्तर प्रदेश निवासी 19 वर्षीय धर्मराज राजेश कश्यप के रूप में की गई है। एक अन्य आरोपी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की हत्या समेत संबंधित धाराओं, शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम को सिद्दीकी की हत्या की जांच में मदद करने के वास्ते मुंबई भेजने की तैयारी है।
छात्र जीवन से ही कांग्रेस का सदस्य रहे बाबा सिद्दीकी इस साल फरवरी में अजित पवार गुट वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। इस चौंकाने वाली घटना के बाद विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है। राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। बता दें कि पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी बॉलीवुड सितारों के बीच काफी लोकप्रिय थे। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने पीड़ितों की विभिन्न प्रकार से सेवाएं करके काफी तारीफ बटोरी थी।