जिला पशु कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक आयोजित, सड़कों से हटाकर इन आश्रय केन्द्रों में रखे जाएंगे आवारा पशु….
बिलासपुर – कलेक्टर अवनीश शरण की अध्यक्षता में जिला पशु कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक मंथन सभा कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में आवारा पशुओं की देखरेख के लिए हर ब्लॉक में दो दो पशु आश्रय केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया गया। पशु चिकित्सालयों की मजबूती के लिए राशि की मंजूरी के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। लगभग 5 वर्ष बाद पशु कल्याण समिति की बैठक कलेक्टर के निर्देश पर आयोजित की गई। बैठक में दुर्घटना रोकने सड़कों पर से आवारा पशुओं को हटाकर इनका पुनर्वास करने और पशु चिकित्सालयों की हालात सुधारने के लिए लगभग 47 लाख रुपए के बजट प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह राशि जीवन दीप समिति की तरह संग्रहित राशि है, जिसे पशु चिकित्सालयों में इलाज के लिए लाए गए पशुओं के मालिकों से पंजीयन शुल्क के रूप में ली जाती है। इस तरह पशु कल्याण समिति के कोष में पिछले 4 – 5 साल में लगभग 47 लाख रुपया संचित हुआ है।
कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि फिलहाल हर ब्लॉक में दो दो ग्रामों में पशु आश्रय केंद्र संचालित किए जाएंगे। केवल आवारा किस्म की पशुओं को जो सड़क में दुर्घटना का कारण बनते हैं, उन्हें रखा जायेगा। राजमार्ग और प्रमुख सड़कों के किनारे के ग्रामों का चयन इसके लिए किया जाएगा। ग्रामों में पूर्व से ही उपलब्ध अधो संरचनाओं का उपयोग इसके लिए किया जाएगा। जिन पशुओं के मालिक हों, उन्हें नहीं बल्कि आवारा और सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे पशुओं को आशय केन्द्र में पनाह दी जायेगी। आश्रय केंद्र के लिए प्रत्येक ब्लॉक को 2- 2 लाख और नगर निगम को 5 लाख दिए जाने का निर्णय लिया गया। पशु आश्रय केंद्र में रखे जाने वाले जानवरों की विशेष पहचान होगी। उनकी टैगिंग करने के साथ उनके सींगों को कलर से रंग किया जाएगा। जोगीपुर में निर्माणाधीन गो अभ्यारण्य में सोलर एनर्जी से उर्जीकृत करने के प्रस्ताव का भी बैठक में अनुमोदन किया गया। सड़कों पर पशुओं के बैठे होने और दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई। इन्हें रोकने के विभिन्न उपायों पर बैठक में विचार विमर्श भी किया गया। बैठक में पशु चिकित्सालयों के लिए जरूरी उपकरण, फर्नीचर, भवन मरम्मत आदि कार्यों के लिए भी लगभग 25 लाख रुपए की राशि के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री अमितकुमार भी उपस्थित थे। सदस्य सचिव और संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग डॉ. तंवर ने समिति के उद्देश्य और कामकाज से अवगत कराया।