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धनतेरस पर्व पर जानिए खरीददारी और पूजा का शुभ मुहूर्त

धनत्रयोदशी का पर्व जिसे धनतेरस के नाम भी जाना जाता है। धनतेरस के साथ पंचदिवसीय दीपोत्सव पर्व आज से शुरू हो गए हैं। देशभर में धनतेरस और दिवाली की धूम आने वाले दिनों में रहती है। यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं उनकी पूजा होती है। इससे अलावा धनत्रयोदशी पर मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की भी पूजा विधि-विधान के साथ होती है। धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के और पीतल के बर्तनों की खरीदारी की जाती है। 

ऐसी मान्यता है कि देवताओं और दैत्यों के बीच हुए समुद्र मंथन के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोयदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रगट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है। जिसके कारण धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से अच्छी सेहत और रोगों से लड़ने का बल प्राप्त होता है। 

धनतेरस तिथि, पूजा और खरीदारी शुभ मुहूर्त
पांच दिनों का दीपोत्सव का त्योहार धनत्रयोदशी के साथ आरंभ हो जाता है। इस साल कार्तिक त्रयोदशी तिथि की शुरुआत, मंगलवार, 29 अक्तूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी 30 अक्तूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा और इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। 

वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अक्तूबर को शाम को 06 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। धनतेरस पर पूजा के लिए सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल के दौरान शाम 05 बजकर 37 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर बर्तन, सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण और दूसरी अन्य चीजों की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस पर सोना-चांदी के सिक्कों, बर्तन के अलावा लक्ष्मी-गणेश जी मूर्ति, धनिया और झाड़ू को लाने से शुभ फलों में कई गुना अधिक फलों की प्राप्त होती है। 29 अक्तूबर को धनतेरस पर शुभ खरीदारी के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शाम 06 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 32 मिनट पर भी खरीदारी का मुहूर्त है। 

धनतेरस पर स्नान करके भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार विधि से पूजा करने का विधान होता है। इसमें धन्वंतरि भगवान को धूप, दीप, पुष्य नैवेद्य और आरती करते हुए पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर देव की भी पूजा करें। इससे जीवन में आरोग्य और धन-वैभव की प्राप्ति होगी। धनतेरस की संध्याकाल में यमदेव को निमित्त दीपदान करें। धनतेरस पर चांदी की चीजें अवश्य ही खरीदनी चाहिए। इससे घर में शांति, सौभाग्य, धन, यश, कीर्ति और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

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