महायुति के आते ही धर्मांतरण के खिलाफ बनेगा कानून- अमित शाह..
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कड़े प्रावधानों के साथ धर्मांतरण रोधी कानून बनाने का वादा किया।
साथ ही उद्योग की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए एक कौशल जनगणना के साथ-साथ निम्न आय वाले परिवारों को मुफ्त राशन देने का भरोसा भी दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी वादा किया है कि राज्य में कहीं भी धर्म के आधार पर शिक्षा और रोजगार में आरक्षण नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर उन्होंने कहा, ‘…महायुति की सरकार बनने के बाद एक समिति गठित की जाएगी, जो सभी हितधारकों से चर्चा करेगी। ये समिति इतने कड़े कानून बनाएगी ताकि धर्म परिवर्तन न हो सके।’
शाह ने मुंबई में 25 सूत्री ‘संकल्प पत्र 2024’ जारी किया, जिसके अनुसार महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता 1,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 2,100 रुपये की जाएगी।
भाजपा ने 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में रोजगार के 25 लाख अवसर पैदा करने का वादा किया है और 10 लाख छात्रों को हर महीने 10,000 रुपये का वजीफा देने का आश्वासन दिया है।
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है।
भाजपा के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि जबरन और धोखे से धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एक धर्मांतरण रोधी कानून बनाया जाएगा। कौशल जनगणना के माध्यम से, सत्तारूढ़ पार्टी ने उद्योग की जरूरतों का पता लगाने और जहां भी आवश्यक हो, कौशल प्रशिक्षण को उन्नत करने का आश्वासन दिया।