सिरगिट्टी रेल नीर प्लांट बंद होने से साजिश के लगे आरोप, प्रबंधन पर उठे सवाल….
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – सिरगिट्टी में 10 करोड़ की लागत से स्थापित रेल नीर का प्लांट मंगलवार से बंद कर दिया गया है। 7 सालों से संचालन करने वाली कोलकाता की ठेका कंपनी के हाथ खींच लेने के कारण यह ठप हो गया है।
रेल नीर की बढ़ती मांग को देखते हुए इस प्लांट का बंद होना चौंकाने वाला है। रेलवे ने इसके संचालन के लिए कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई है, जिससे स्थानीय और अन्य ब्रांड के बोतल बंद पानी कंपनियों को फायदा मिलने की संभावना बढ़ गईं है।
ट्रेनों और स्टेशनों पर रेल नीर की तुलना में अन्य ब्रांड के पानी की बोतल की मांग कम है, लेकिन अब रेल नीर की आपूर्ति ठप होने के कारण यात्रियों को मजबूरन दूसरे ब्रांड्स का पानी लेना पड़ सकता है। प्लांट के संचालन में पहले से ही कई समस्याएं थीं। जलस्तर नीचे जाने के कारण 2022 में दो नए बोरवेल खुदवाने पड़े। इसके बावजूद, उत्पादन और सप्लाई में रुकावटें बनी रहीं।
सप्लाई ठेके और टेंडर को लेकर बार-बार विवाद हुआ, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। प्लांट बंद होने के बाद आईआरसीटीसी ने नागपुर से रेल नीर की आपूर्ति का फैसला किया है। ये बोतलें अब बिलासपुर और अन्य स्टेशनों पर आपूर्ति के लिए बाय रोड लाई जाएंगी।
हालांकि, यह प्रक्रिया लॉजिस्टिक्स के लिहाज से महंगी और समय लेने वाली है। रेल नीर प्लांट के बंद होने को लेकर साजिश की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि इससे स्थानीय और अन्य ब्रांड्स को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। आईआरसीटीसी के अधिकारी इस पर कोई स्पष्ट जवाब देने से बच रहे हैं।
रेल नीर प्लांट की बंदी न केवल प्रबंधन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यात्रियों की सुविधा और भरोसे पर भी सवाल उठाती है। अब देखना होगा कि आईआरसीटीसी और रेलवे इस संकट का समाधान कैसे निकालते हैं।