छत्तीसगढ़

बाघिन को सुरक्षित रेस्क्यू कर अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया

(भूपेंद्र सिंह राठौर) : कोरिया वनमंडल के चिरमिरी परिक्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार विचरण कर रही बाघिन को ट्रैंक्विलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू करने का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन एवं जैव विविधता संरक्षण) श्री सुधीर कुमार अग्रवाल द्वारा 16 दिसंबर 2024 को बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ने की अनुमति प्रदान की गई थी।

रेस्क्यू ऑपरेशन 17 दिसंबर 2024 की सुबह लगभग 3:30 बजे पूरा हुआ। ट्रैंक्विलाइजेशन के बाद वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा बाघिन का चिकित्सीय परीक्षण किया गया, जिसमें उसे पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। इसके उपरांत बाघिन को रेस्क्यू वाहन के माध्यम से सुरक्षित रूप से अचानकमार टाइगर रिजर्व के सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया।

इस अभियान में कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा वृत्त श्री के.आर. बढ़ई, अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रभारी मुख्य वन संरक्षक श्री मनोज कुमार पांडेय, वनमंडलाधिकारी कोरिया श्रीमती प्रभाकर खलखो, उप निदेशक, अचानकमार टाइगर रिजर्व श्री यू.आर. गणेश, तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों डॉ. पी.के. चंदन और डॉ. राकेश वर्मा शामिल थे।

बाघिन की सुरक्षा और निगरानी के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें रेडियो कॉलर के माध्यम से लगातार 8-8 घंटे के अंतराल पर बाघिन की गतिविधियों की निगरानी करेंगी। निगरानी के लिए कंट्रोल रूम सहायक संचालक कार्यालय, कोटा में स्थापित किया गया है, जहाँ से 24 घंटे वायरलेस स्टेशनों के माध्यम से कर्मचारियों के संपर्क में रहकर कार्य किया जाएगा।

रेस्क्यू की गई बाघिन के सुरक्षित रहवास क्षेत्र विकसित होने तक उसकी लगातार मॉनिटरिंग और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व वर्ष 2023 में सूरजपुर वनमंडल से भी रेस्क्यू कर रेडियो कॉलर के माध्यम से एक बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में सुरक्षित छोड़ा गया था।

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