जजों की नियुक्ति में बदलाव, SC कॉलेजियम ने तोड़ी परंपरा..
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने रविवार को हाई कोर्ट के जजों के साथ बातचीत कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया। कॉलेजियम का मानना है कि जजों की नियुक्ति के लिए फाइलों में दर्ज सूचनाओं के बजाय उम्मीदवारों से व्यक्तिगत बातचीत के जरिए उनकी योग्यता और व्यक्तित्व को समझना आवश्यक है।
यह पहल परंपरागत प्रक्रिया से हटकर न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई शुरुआत मानी जा रही है। गौरतलब है कि यह कदम तब उठाया गया जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादास्पद बयानों को लेकर न्यायपालिका में गंभीर चिंताएं उठीं।
उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कार्यक्रम में धर्म और न्याय से संबंधित टिप्पणी की, जिसे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ माना गया।
जिसमें मुख्य जज (सीजेआई) संजीव खन्ना और अन्य सदस्य जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की सदस्यता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजस्थान, इलाहाबाद और बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए नामित न्यायिक अधिकारियों और वकीलों से मुलाकात की।
कॉलेजियम का मानना था कि फाइलों में दर्ज सूचनाओं के बजाय उम्मीदवारों से व्यक्तिगत बातचीत के जरिए उनकी योग्यता और व्यक्तित्व को समझना आवश्यक है।