27 माओवादियों का सामूहिक आत्मसमर्पण, ‘माड़ बचाओ अभियान’ की ऐतिहासिक सफलता
नारायणपुर में नक्सली संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। जिले के कुतुल एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय 27 माओवादियों ने संगठन की क्रूर विचारधारा से तंग आकर बिना हथियार के आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित माओवादियों में 22 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं, जो संगठन के विभिन्न पदों पर कार्यरत थे।
‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत हो रहे आत्मसमर्पण को जिले में चल रहे विकास कार्यों, तेजी से बनती सड़कों और सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता से जोड़कर देखा जा रहा है। आत्मसमर्पित माओवादियों ने स्वीकार किया कि संगठन के भीतर आंतरिक मतभेद, शोषण और अमानवीय व्यवहार के कारण उनका विश्वास टूट गया था। वे अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई और उन्हें पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
पुलिस और सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता
इस आत्मसमर्पण अभियान में आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी अमित तुकाराम कांबले, एसपी प्रभात कुमार, एएसपी रोबिनसन गुड़िया और अन्य पुलिस व सुरक्षा बलों की अहम भूमिका रही। डीआरजी, बीएसएफ, आईटीबीपी के लगातार दबाव, अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा कैंपों की स्थापना और बढ़ते विकास कार्यों ने माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
नक्सल संगठन को बड़ा झटका
वर्ष 2024 से अब तक 74 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 60 से अधिक नक्सली मारे गए और 50 से ज्यादा गिरफ्तार हुए। इस वजह से नक्सली संगठन कमजोर हो रहा है, और अबूझमाड़ में शांति और विकास का सपना साकार होने की उम्मीद बढ़ गई है।
एसपी प्रभात कुमार की अपील
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि शासन की पुनर्वास नीति से माओवादियों को नई उम्मीद मिली है। उन्होंने बाकी नक्सलियों से भी अपील की कि वे गुमराह करने वाली विचारधारा से बाहर निकलकर आत्मसमर्पण करें और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन जिएं।