बिलासपुर

रेत की खुदाई भी अवैध और बिक्री भी अवैध….कौन है.सौरभ श्रीवास ..? जिसके हस्ताक्षर और सील वाली खनिज विभाग की एक्सपायरी और फर्जी पर्ची से, खुलेआम हो रही, रेत की अवैध बिक्री.! (देखें अवैध पर्ची की छाया प्रति), गोरखधंधे में लगे लोगों को न तो मुख्यमंत्री के सख्त आदेश की परवाह है, और ना ही प्रशासन की..!

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का..! कुछ इसी तर्ज पर घुट्कु से लेकर निरतु सिंगार बारी और उसके इर्द-गिर्द अरपा नदी में रेत की अवैध खुदाई और तस्करी का सिलसिला बिना किसी डर और भय के चल रहा है।। रेत की अवैध खुदाई का ठिकाना बने इस क्षेत्र से आ रही खबरें और मीडिया में प्रकाशित हो रहे समाचार यह बता रहे हैं कि खनिज विभाग और प्रशासन ने यहां गैर कानूनी रूप से रेत का गोरख धंधा करने वालों के आगे घुटने टेक दिए हैं। इस क्षेत्र में हो रही बेइंतहा मनमानी के बावजूद विभागीय कार्यवाही के नाम पर पसरा सन्नाटा यह चुगली कर रहा है कि पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सिंह से कहीं अधिक डर उन लोगों से लगा हुआ है, जो यहां रेत का अवैध खनन परिवहन और बिक्री के गोरखधंधे में लगे हुए हैं। हमारे हाथ में रेत के अवैध परिवहन में लगे हुए एक ट्रैक्टर चालक को सौरभ श्रीवास के नाम से एक ऐसी खनिज पर्ची दी गई है जो पूरी तरह एक्सपायरी हो चुकी है और फर्जी है। बताया जा रहा है कि यहां पर रेत की अवैध खुदाई के बाद उसकी खरीदारी कर ले जाने वालों को ऐसी ही फर्जी पर्चियां दी जा रही है जो 2 साल पहले एक्सपायरी हो चुकी हैं। हमारे पास सौरभ श्रीवास के हस्ताक्षर और सील मोहर के साथ जो पर्ची मौजूद है उसमें साफ लिखा है कि इस खनिज पर्ची की वैध अवधि 23 अक्टूबर 2019 से 22 अक्टूबर 2021 तक ही है। इसके बाद यह पर्ची एक्सपायरी और अवैध या फर्जी मानी जाएगी। लेकिन यहां सौरभ श्रीवास के हस्ताक्षर और सील मोहर से 12 फरवरी 2022 को जारी यह खनिज पर्ची एक ट्रैक्टर चालक को दी गई है। ऐसा लगता है कि इस तरह का अवैध काम अंधाधुध किया जा रहा है। यह संभव नहीं है कि इस अवैध कृत्य की जानकारी खनिज विभाग के निचले अमले और संबंधित थाना क्षेत्र को ना हो। लेकिन इसके बावजूद जिस तरह सीनाजोरी की तर्ज पर यहां खनिज की अवैध खुदाई और तस्करी का काम चल रहा है। उससे साफ लगता है कि यहां रेत की अवैध बिक्री करने वाले लोग मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के उस आदेश का मखौल उड़ा रहे हैं, जो उन्होंने अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए दिया है। यह उम्मीद करना बेमानी नहीं होगा कि जिला प्रशासन और खनिज विभाग साथ में पुलिस विभाग भी इस पूरे गोरखधंधे की जांच कर घुट्कु से निरतु, सिंगारबारी और लोफंदी क्षेत्र में शासन प्रशासन को चिढ़ा रहे तत्वों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेंगे।

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