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वहां खुली है, दादी नानी की पाठशाला (ग्रैंड मदर्स स्कूल)

(शशि कोन्हेर) : सच ही कहा है किसी ने पढ़ने सीखने की कोई उम्र नहीं होती। कभी भी पढ़ा और सीखा जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक समाज सेवी संस्था ने शुरू किया है। उन्होंने यहां एक स्कूल चालू किया है। जिसे मराठी में आजीबाई (दादी-नानी की) ची शाला का नाम दिया गया है। इस स्कूल में 60 वर्ष से 95 वर्ष तक की महिलाएं रोज निमिता कर प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर रही हैं।

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