अयोध्या के कलेक्टर निवास का बोर्ड “भगवा से हरा” करने पर मचा सियासी बवाल… लोग लगा रहे तरह-तरह के कयास
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. मतदान से पहले कई नेताओं ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा. अब चुनाव के बीच प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीट “अयोध्या” विधानसभा से बड़ी खबर सामने आई है. खबर जुड़ी है अयोध्या के जिला अधिकारी नीतीश कुमार के आवास से. यहां DM आवास के बोर्ड का रंग भगवा से हरा कर दिया गया जिसके बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं.
कहा जाता है कि नेता ही नहीं अधिकारी भी सियासी मौसम को भाप लेते हैं. इस बीच अयोध्या के जिला अधिकारी नीतीश कुमार के आवास को दर्शाने वाला बोर्ड जो पहले भगवा रंग में था उसे आज तड़के ही हरे रंग में तब्दील कर दिया गया. जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड को चेंज करते हुए कर्मचारियों की फोटो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और हर गली नुक्कड़ चौराहे पर चर्चाएं शुरू हो गई कि प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी की सरकार आ रही है।
बोर्ड बदलते कर्मचारियों की फोटो वायरल
जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड को चेंज करते हुए कर्मचारियों की फोटो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और हर गली नुक्कड़ चौराहे पर चर्चाएं शुरू हो गई कि प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी की सरकार आ रही है. शायद यही कारण है कि जिला अधिकारी के आवास का बोर्ड हरे रंग में लगा दिया गया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में अभी दो चरणों के चुनाव बाकी हैं. छठे और सातवें चरण का चुनाव अभी बाकी है छठे चरण का चुनाव 3 मार्च को होना है 10 जिलों की 57 सीटों पर होंगे मतदान जिसमें उत्तर प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ कहा जाने वाला गोरखपुर का भी चुनाव होना है दो चरण के चुनाव के शेष रहते जिला अधिकारी अयोध्या के आवास के बोर्ड का रंग बदले जाने पर पूरी विधानसभा में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने दी सफाई
दरअसल जिलाधिकारी नीतीश कुमार का सरकारी बंगला अभी अंदर मेंटेनेंस चल रहा है जिस के नाते जिला अधिकारी पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में रह रहे हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि बोर्ड का रंग पहले से ही भगवा था, यह बोर्ड और गेस्ट हाउस पीडब्ल्यूडी विभाग का है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना जानकारी के बोर्ड को चेंज किया है जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तलब भी किया गया है. लेकिन जानकारों की माने तो अगर चुनाव आयोग इस मामले को संज्ञान में लेता है तो जिला अधिकारी नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और वह हटाए भी जा सकते हैं.