स्वहित के लिए आरटीआई कार्यकर्ता बना मनीष राठौर, मुझे उससे खतरा : अंशु पलेरिया
(नीरज शर्मा) : बिलासपुर – स्वहित के लिए आरटीआई कार्यकर्ता बना मनीष राठौर अब प्रशासन-पुलिस पर उंगली उठा रहा है। अपने लाभ के लिए मनीष राठौर इस हद तक गिर चुका है कि वह अब प्रशासन के साथ सांठगांठ बताकर और पुलिस और जिला प्रशासन के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही को भी सांठगांठ बताने लगा है। मनीष राठौर खुद तरह-तरह के अवैधानिक काम में संलिप्त है लेकिन अपने आपको आरटीआई कार्यकर्ता बताकर ब्लैकमेल करते आ रहा है।
यह आरोप कोरबा निवासी अंशु पलेरिया और उसके साथ आये व्यापारियों एवं लोगों ने प्रेस क्लब में पत्रवार्ता आयोजित कर लगाया है। अंशु पलेरिया ने कहा है कि जो इसके खिलाफ कुछ भी बोलता है या लिखता-पढ़ता है उसके खिलाफ़ आरटीआई लगाकर परेशान करने का काम करते आ रहा है। इसकी मनमानी बात न सुनी जाए तो झूठी शिकायतें करके परेशान करने लगता है। आरोप है कि मनीष राठौर खुद को ईमानदार बता कर अपने निजी स्वार्थों के कारण अब प्रदेश सरकार को भी गुमराह करने पर तुला हुआ है। कोरबा शहर और जिला के माहौल को न सिर्फ खराब कर रहा है बल्कि अधिकारी भी इसके रवैया से परेशान हैं। मनीष राठौर खुद रेल, सिनोस्फीयर, मुरूम, गिट्टी, पत्थर का अवैध रूप से खनन कर परिवहन और उपयोग के काम को करते आ रहा है। मनीष राठौर आरटीआई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ भयादोहन और वसूली के काम में संलिप्त है। आरटीआई लगाकर अपना ठेका चमकाने में लगा हुआ है। कोरबा के शांत वातावरण को यह खराब करने का काम कर रहा है।इसके इस तरह के अनर्गल तरीके से वे लोग भी परेशान हैं जो शांतिपूर्वक अपना काम धंधा करना चाहते हैं। मनीष राठौर के रवैया से लोगों में आक्रोश तो है लेकिन इससे इसलिए बचना चाहते हैं क्योंकि आदतें सही नहीं है।
अंशु पलेरिया ने मांग किया है कि कोरबा जिला प्रशासन मनीष राठौर के सभी तरह के कामकाज की जांच पड़ताल करे। उसके पास महंगी-महंगी गाड़ियां कहां से और कब खरीदी गई, उसने इसके लिए कहां से पैसा लाया, उसके आय का जरिया क्या है इस सब की जांच पड़ताल सरकार को करनी चाहिए। आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में उसने जो जो आरटीआई लगाया है और उसके पीछे मकसद क्या है इसकी भी जांच होनी चाहिए। खुद को ईमानदार बता कर दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले मनीष राठौर का सच भी पुलिस और प्रशासन को सामने लाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की जरूरत है क्योंकि उसने तो प्रशासन और पुलिस से अंशु पलेरिया पर सांठगांठ का आरोप लगाया है जबकि प्रशासन और पुलिस ने अंशु पलेरिया के ठिकाने पर लगातार दबिश देकर कार्यवाही की है। प्रशासन और पुलिस की छवि को दागदार बताने वाले मनीष के द्वारा आपसी लेनदेन के मामले को रंजिश के रूप में पुलिस और प्रशासन को गुमराह करके भुनाया जा रहा है जो स्वस्थ प्रशासन के लिए उचित नहीं है। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को भी और रायपुर मंत्रालय में बैठे मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी मनीष राठौर की बात पर आंख मूंदकर भरोसा करने की बजाय अपने आंख-कान खुले रखकर काम और कार्यवाही करने की जरूरत है।
एडिटिंग वीडियो दिखाकर गुमराह कर रहा है मनीष :
अंशु पलेरिया ने कहा है कि उसे मनीष राठौर की चाल से खतरा है। मनीष राठौर उसका मित्र भी है। आए दिन अक्सर आरटीआई लगाने की आड़ में रुपए मांगता रहा और दोस्त होने के नाते हर समय उसकी मदद भी की। उसको रुपए लेन-देन और भयादोहन के प्रमाण भी हैं। वह अपने जन्मदिन मनाने के लिए भी रुपए की मांग ब्लैकमेलिंग कर करता रहा। मनीष राठौर ने एक वीडियो वायरल किया है जिसमें उसने कूट रचना करते हुए एडिटिंग भी की है। मनीष राठौर की कार उसके घर के सामने पिछले दिनों जल गई थी। मनीष के घर में कैमरा लगा हुआ है और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में 24 घंटे उसकी कार रहती है। उसने कार का जलता हुआ वीडियो दिखाया है लेकिन कार को आग किसने लगाया यह वीडियो में कहीं भी नजर नहीं आया है। मनीष के द्वारा एक सोची समझी साजिश और षड्यंत्र के तहत मुझे फंसाने के लिए काम किया जा रहा है। वह भरोसे का फायदा उठाकर और ब्लैकमेलिंग करने की नीयत से ऑडिट किया हुआ वीडियो जगह-जगह वायरल कर रहा है। कोरबा की पुलिस ने एक पार्षद रामप्रकाश जायसवाल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मनीष राठौर के द्वारा ली गई उसकी कार को वापस करवाया है। अंशु ने कहा है कि मनीष राठौर के सभी तरह के कामकाज की जांच की बाहरी पुलिस या अधिकारी से कराने की जरूरत है। मनीष राठौर जिस तरह से मेरे खिलाफ झूठी बातें प्रशासन और पुलिस के सामने रखकर बदनाम करने की साजिश कर रहा है उससे पुलिस और प्रशासन पर दबाव भी बना कर मेरे खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही या कोई भी घटनाक्रम करवाने की भी वह मंशा रखता है। यदि मुझे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ भी होता है तो इसका पूर्ण रूप से जिम्मेदार मनीष राठौर और उसका ब्लैक मेलिंग करने वाला कृत्य होगा। मनीष राठौर से मुझे न सिर्फ ब्लैकमेलिंग बल्कि जान माल का भी खतरा बना हुआ है। अंशु ने कहा है कि मनीष राठौर ने किस-किस विभाग में किस किस मकसद से आरटीआई लगाया है इसका भी खुलासा होना चाहिए। यह भी खुलासा होना चाहिए कि उसके आरटीआई लगाने से किसका भला हुआ है और उसका कितना फायदा आरटीआई की आड़ में हुआ है।