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योगी सरकार में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और कमांडो ट्रेंण्ड एमएलए को भी मिल सकती है…!
(शशि कोन्हेर) : उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार में अब खाकी का भी दबदबा होगा। चुनावी नतीजों के बाद यूं तो उत्तर प्रदेश पुलिस के दो अफसर विधायक बन चुके हैं लेकिन चर्चा है कि दोनों ही अक्सर योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार ने मंत्रिमंडल का भी हिस्सा होंगे। अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा जब उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस को बखूबी समझने वाले अधिकारी भी शामिल होंगे।लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से नवनिर्वाचित विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह और कन्नौज सदर सीट से बीजेपी विधायक असीम अरुण यह दो नाम हैं, जिनके तन पर भले ही खादी आ गई हो लेकिन मन में खाकी बसती है.
पहला नाम
- राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस के अफ़सर रहे. लखनऊ प्रयागराज में तैनाती के दौरान अपराधियों के बीच खौफ का पर्याय थे. यूपी पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाते थे. केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय में डेपुटेशन पर गए तो 4G स्कैम, कोल ब्लॉक आवंटन से लेकर तमाम बड़े घोटालों की परतें उधेड़ कर रख दी.
- देश के तत्कालीन गृह मंत्री से लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को कानूनी शिकंजे में कस दिया. राजेश्वर सिंह किसी भी स्टेट कैडर के पहले अफसर हैं जिनको सेंट्रल एजेंसी ने मर्ज किया और उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड का जॉइंट डायरेक्टर तक बनाया.
- गोली चलाने से लेकर कागजों में दबे घपलों को उजागर करने वाले राजेश्वर सिंह अब नए सदन का तो हिस्सा होंगे ही, चर्चा है कि वह उत्तर प्रदेश की नई कैबिनेट का भी हिस्सा होने जा रहे हैं.
दूसरा नाम
- राजेश्वर सिंह के साथ एक दूसरा नाम जिसने खाकी को मन में और खादी को तन पर पहनकर नई शुरुआत की है, वह हैं कन्नौज सदर से नवनिर्वाचित विधायक असीम अरुण.
- असीम अरुण एडीजी रैंक के अधिकारी थे. कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर रहे, उससे पहले असीम अरुण के पिता दिवंगत राम अरुण दो बार उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे.
- खुद असीम अरुण कमांडो ट्रेन्ड हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की क्लोज सिक्योरिटी इंचार्ज रहे. उत्तर प्रदेश में एटीएस हो या फिर 112 का मॉडर्न कंट्रोल रूम, इन दोनों ही पुलिस की व्यवस्थाओं को तकनीकी तौर पर लैस करने वाले असीम अरुण अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का हिस्सा होंगे.