बंगाल में 12 घरों को बाहर से ताला बंद कर, आग लगाने से हुई मौतों के मामले में, मचा बवंडर, ममता दे रही झूठी सफाई
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा के मामले की गूंज राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दी है.बीरभूम जिले में एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या के बाद क्षेत्र में कम से कम आठ घरों में आग लगा दी गई, इसके परिणाम स्वरूप महिलाओं और नाबालिगों सहित 8 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट और राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम मामले में केस दर्ज किया है और चीफ जस्टिस वाली पीठ इस पर सुनवाई करेगी. तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु खेश की कथित हत्या के विरोध में क्रुद्ध भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने के कुछ घंटों बाद बीरभूम जिले के रामपुरहाट गांव में मंगलवार सुबह जले हुए शव पाए गए. जले हुए घरों में एक ही परिवार के सात लोग मृत पाए गए. भाजपा ने इस घटना पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बंगाल में राजनीतिक हत्याओं की लंबी सूची में नवीनतम घटना है। पार्टी ने ममता बनर्जी के इस्तीफे और घटना की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराए जाने की मांग की है। बंगाल के नव बीजेपी सांसदों ने कल इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर केंद्र के दखल की मांग की है विपक्ष ने इस मामले में ममता बनर्जी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं और सीएम रक्षात्मक मुद्रा में है। कि इस मामले को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए सीएम ममता ने कहा कि वे हत्याओं को सही नहीं ठहरा सकती लेकिन ऐसी घटनाएं यूपी गुजरात मध्य प्रदेश बिहार और राजस्थान में अधिक होती हैं।