करगी रोड कोटा का एफसीआई डिपो प्रदेश के बेहतर डिपो में शामिल…. आधुनिक प्रणाली ने कार्यशैली को बनाया पारदर्शी : राजेश कुमार महाप्रबंधक
(इरशाद अली संपादक लोकस्वर टीवी) : बिलासपुर – भारतीय खाद्य निगम खाद्य श्रृंखला की आपूर्ति में एक नोडल एजेंसी है जो देश भर में फैले खाद्य भंडारण डिपो के साथ कमी वाले क्षेत्रों में स्टॉक के जरिए उपभोक्ताओं को खाद्यान्न की आपूर्ति करता है। ऐसा ही एक डिपो करगी रोड बिलासपुर में भी है जहां 18733 मीट्रिक टन की क्षमता के साथ साथ दूसरे क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं के तहत उपभोक्ताओं को खाद्यान्न की आपूर्ति करता है।
भारतीय खाद्य निगम में पहले की अपेक्षा अब काफी कुछ परिवर्तन आ चुका है। खाद्यान्न भंडारण डिपो में अब पहले जैसा नुकसान नजर नहीं आता। आधुनिक तकनीक, कुशल प्रबंधन और पारदर्शिता के कारण यह सब संभव हो पाया है। एफसीआई की कार्यप्रणाली आधुनिक तकनीक की ओर लगातार अग्रसर है। एफ सी आई के महाप्रबंधक राजेश कुमार ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 4 जनवरी 1965 को एफसीआई की शुरुआत की गई थी इसके बाद लगातार इसमें बदलाव सुधार और पारदर्शिता के तमाम प्रयास किए गए जिसका असर अब जाकर दिखाई दे रहा है। किसानों से अनाज खरीदने से लेकर उसे उपभोक्ताओं तक राशन के रूप में भेजने की प्रक्रिया यहां पूरी की जाती है। समय पर खरीद, किसानों को उचित मूल्य का भुगतान, किसानों के रजिस्ट्रेशन से लेकर टोकन प्रणाली यह सब समय की बचत करता है। भारत सरकार की एफसीआई नोडल एजेंसी है जो कमी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न की पूर्ति करता है।
छत्तीसगढ़ के अधिकांश डिपो में नुकसान में कमी आई है। गोदान के रखरखाव के लिए वेयरहाउसिंग कारपोरेशन से मार्गदर्शन लेकर बेहतर किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अनाज के रूप में अधिकांश चावल ही लिया जाता है। अनाज के रूप में लिए गए चावल की उम्र बढ़ाई जाए ऐसा उपचार यहां किया जाता है।समय-समय पर विभिन्न चरणों में इसकी जांच की जाती है ताकि चावल की खराबी का समय रहते पता चल सके। चावल जब स्टॉक किया जाता है तब यह सुनिश्चित कर लिया जाता है कि चावल ताजा ही है। स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए गोदाम की हाइट बढ़ाई गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा अनाज का भंडारण किया जा सके। करगी रोड कोटा के इस डिपो का पत्रकारों को साथ लेकर मैनेजर ने वस्तुस्थिति दिखाई। यहां बताया गया कि ऑनलाइन तौल की प्रक्रिया गेट से शुरू हो जाती है,जिसे देश भर में इस व्यवस्था को ऑनलाइन देखा जा सकता है। महाप्रबंधक ने बताया कि कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए फोर्टीफाइड राइस का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि पहले साल में फोर्टीफाइड राइस के निर्माण में कुछ गलतियां हुई थी जिसे अब सुधार लिया गया है। फोर्टीफाइड राइस में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिंस की प्रचुर मात्रा होती है जो बच्चों के कुपोषण को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। इस चावल की सप्लाई मध्यान भोजन में प्राथमिकता दी गई है ,ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को इसका लाभ मिल सके। अप्रैल माह में एफसीआई के अधिकारी विभिन्न स्कूलों में जाकर फोर्टीफाइड राइस के बारे में बच्चों सहित उनके परिजनों और स्कूल प्रबंधन को बताकर जागरूक करेंगे।उन्होंने बताया कि लोगों के बीच प्लास्टिक चावल का भ्रम फैल गया है जिसे दूर किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में भारतीय खाद्य निगम के 21 डिपो हैं। जिनमें करगी रोड कोटा भी शामिल है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए एफ सी आई के महाप्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि करगी रोड कोटा के इस डिपो में खाद्यान्न रखने की क्षमता 18,733 मीट्रिक टन है। यहां शासन के तमाम निर्देशों का पालन करते हुए खाद्यान्न का स्टॉक किया जाता है। समय-समय पर उस खाद्यान्न की जांच भी की जाती है ताकि पता चल सके की गुणवत्ता बरकरार है या उसमें कमी आ गई है। उन्होंने बताया कि इन डिपो से विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्यान्न लोगों तक पहुंचाया जाता है। करगी रोड कोटा के इस डिपो में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए 16 लाइव सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं,जिससे देश के किसी भी क्षेत्र से इसकी मॉनिटरिंग की जा सकती है। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने डिपो का व्यापक तृतीय पक्ष मूल्यांकन किया है। और इसने एफएसडी करगी रोड कोटा को फाइव स्टार रेटिंग दी है। वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ने डिपो के भौतिक बुनियादी ढांचे को विस्तृत जांच के आधार पर डब्ल्यू डी आर ए प्रमाणन भी जारी किया है। डिपो में कर्मचारियों के साथ-साथ मजदूरों की मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता के लिए शौचालय विश्राम कक्ष और पेयजल की सुविधा पूरी किये जाने की बात कही गई। उन्होंने जानकारी दी कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों डिपो के अच्छे प्रबंधन के कारण केंद्रीय स्थान एफ सी आई के लिए यह उल्लेखनीय संपत्ति और छत्तीसगढ़ के सबसे अच्छे डिपो में से एक है।पत्रकारवार्ता के दौरान मैनेजर विजय कुमार, गगन मिश्रा, अंशुमान दास, चरनजय, प्रेमभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।