अखिलेश यादव और शिवपाल यादव…चाचा भतीजे की जोड़ी अब टूटने की कगार पर
समाजवादी पार्टी में लम्बे समय से घुटन महसूस कर रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन कर अपनी राजनीतिक दिशा को समाजवादी पार्टी से अलग करने का प्रयास किया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के कई बार के हस्तक्षेप के बाद शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ ना तो मोर्चा खोला और ना ही राह बदली। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के छोटे दलों के गठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने की योजना में भी शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के गठबंधन के साथ चुनाव भी लड़ा।
समाजवादी पार्टी के सिंबल पर इटावा के जसवंतनगर के जीते शिवपाल सिंह यादव को भरोसा था कि उनको समाजवादी पार्टी का विधायक माना जाएगा, लेकिन जब उनको समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया तो फिर उन्होंने भी अपनी अलग राह चुनने का मन बना लिया। वह समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल के विधायकों की बैठक में नहीं गए और फिर चंद रोज बाद ही ट्विटर पर पीएम नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व डिप्टी सीएम डा दिनेश शर्मा को फालो किया। इसके बाद चैत्र नवरात्रि में अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम का दर्शन करने की इच्छा भी जताई।
शिवपाल सिंह यादव अब तो इससे भी आगे बढ़ गए हैं। उनके इस कदम से तो लग रहा है कि मुलायम सिंह यादव के परिवार से सियासत की एक नई धारा निकलने वाली है। शिवपाल सिंह यादव ने अपने ट्विटर हैंडल का कवर पेज ही बदल दिया है। उनकी नई तस्वीर नए कदम बढ़ाने का साफ संकेत है। उनके इस संकेत से तो लग रहा है कि उनकी राहत अब भतीजे यानी अखिलेश यादव से जुदा होने जा रही है। लगता है कि सयासी मजबूरी ने खून और परिवार के रिश्तों को बेगाना बना दिया है। शिवपाल सिंह यादव ने ट्विटर पर अपना कवर पेज बदल कर बड़े सियासी बदलाव के संकेत दे दिए हैं। शिवपाल सिंह यादव ने कवर पेज पर लिखा- हैं तैयार हम।