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जेएनयू विवाद का कारण बना फर्जी पत्र…. कब लिखने वाले को तलाश रही पुलिस

(शशि कोन्हेर) : रामनवमी पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में विवाद पैदा करने वाले छात्र-छात्राओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। पूजा न होने देने के लिए वामपंथी संगठनों ने वार्डन के नाम से जिस फर्जी पत्र को नोटिस बताकर अफवाह फैलाई। पत्र लिखने वाले उस आरोपी का पुलिस पता लगाने में जुट गई है। जरूरत पड़ने पर हैंडराइटिंग एक्सपर्ट का भी सहारा लेने पर पुलिस विचार कर रही है। पुलिस उसे मुख्य साजिशकर्ता मान रही है।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि फर्जी पत्र के कारण ही जेएनयू में छात्रों के दो समूहों में झगड़ा हुआ। झगड़ा कर जेएनयू का माहौल खराब करने में शामिल आरोपी छात्र-छात्राओं की वसंतकुंज उत्तरी थाना पुलिस वहां लगे सीसीटीवी कैमरों, छात्रों व अन्य लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल वीडियो देखकर पहचान करने की कोशिश कर रही है। एबीवीपी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज मुकदमे में 14 छात्र-छात्राओं को नामजद किया गया है। अन्य की पहचान की जा रही है।

वामपंथी संगठनों की शिकायत पर दर्ज मामले में भी आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पहचान हो जाने के बाद पूछताछ में शामिल होने के लिए जल्द उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। जांच में शामिल न होने पर पुलिस आरोपी छात्र-छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी। सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए एसीपी वेदवाल के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम बनाई गई है। पुलिस पहले यह कोशिश कर रही है कि जेएनयू में जल्द शांति बहाल हो जाए। उसके बाद पूछताछ व धर पकड़ की कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात रहे नौ अप्रैल को कावेरी छात्रावास जहां पूजा होनी थी।

वहां वामपंथी संगठनों ने सुबह ही एक फर्जी पत्र चस्पा दिया था। हाथ से लिखे पत्र में बताया गया था उसे वार्डन ने बतौर नोटिस के तौर पर जारी किया गया है।

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