300 साल पुराना मंदिर ढहाए जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने….
(शशि कोन्हेर) : राजस्थान के अलवर में 300 वर्ष पुराना मंदिर ढहाए जाने कि घटना में अब कांग्रेस एकदम फ्रंटफुट पर है। कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अलवर जिले के राजगढ़ का दौरा किया।
कांग्रेस नेताओं को इस के चलते लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि उसी स्थान पर मंदिर का फिर से बनवाएंगे। भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा- आश्वस्त करना चाहता हूं कि उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि नगर पालिका चेयरमैन के साथ ही मंदिर तोड़े जाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ FIR कराई जाएगी। इससे पहले कांग्रेस नेताओं के अवसर पर पहुंचने पर लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने अशोक गहलोत तथा भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ भी नारे लगाए।
साथ ही जिला प्रशासन ने भी घोषणा की है कि राजगढ़ में जिन तीन मंदिरों को तोड़ा गया था, उनका फिर से निर्माण कराया जाएगा। दूसरी ओर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मामले की निंदा की है। ओवैसी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले नगर पालिका बोर्ड ने ये फैसला लिया तथा कांग्रेस की सरकार ने प्राचीन मंदिर तोड़े जाने के फैसले को कबूल किया। कांग्रेस तथा भाजपा, दोनों ही इसके लिए बराबर के जिम्मेदार हैं। उन्हें लोगों से क्षमा मांगनी चाहिए।
बता दे कि विपक्षी भाजपा के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भी अलवर जिले के राजगढ़ पहुंचा था। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित सांसद सुमेधानंद ने अशोक गहलोत सरकार की तरफ से मंदिर गिराए जाने को औरंगजेब जैसी कार्रवाई बताया था। भाजपा सांसद सुमेधानंद ने बोला था कि यहां दुकानें, मंदिर और घर तोड़े गए। उन्होंने कांग्रेस की तरफ से नगर पालिका बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर अतिक्रमण हटाए जाने का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर लगाए गए इल्जाम खारिज कर दिया तथा बोला कि नगर पालिका बोर्ड ने कोई भी मंदिर तोड़ने की अनुमति नहीं दी थी। भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने इसे दबाव में की गई कार्रवाई बताया था।