महिलाओं को प्रेरित करता है …एक पल ऐसा भी : डॉ प्रीति
(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – महिला दोस्त के जीवन के घटनाक्रम को कहानी की शक्ल देकर शहर की लेखिका ने अपना पहला उपन्यास पाठकों को समर्पित किया है। डॉ प्रीति प्रसाद की रचना के विमोचन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेयी और पुलिस कप्तान पारुल माथुर शामिल हुए।
शहर के एक निजी होटल में हुए विमोचन कार्यक्रम की खास बात रही यहां लेखिका के शुभचिंतक और साहित्य प्रेमी पहुचे थे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेई शहर की पुलिस कप्तान पारुल माथुर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय पाठक और साहित्यकार डॉ विनोद कुमार वर्मा के हाथों डॉ प्रीति प्रसाद का उपन्यास एक पल ऐसा भी का विमोचन हुआ। कार्यक्रम की खास बात रही यहां लेखिका के शुभचिंतक और साहित्य प्रेमी पहुचे थे। बेहद अपनेपन से लबरेज कार्यक्रम का केन्द्र बिंदु लेखिका को उनके पहले उपन्यास की बधाई देने वाले स्टेज पर जुटे थे। सामान्य समीक्षा करते हुए मुख्य अतिथि श्री बाजपेयी ने उपन्यास से लोकप्रिय कहानीकार शिवानी का अहसास का जिक्र किया। जबकि डॉ विनय पाठक ने स्त्री विमर्श से अपनी बात शुरू की। भाषा शब्द विन्यास और कहानी के किसी कमजोर कड़ी के बजाए लेखिका की मूल भावना को समझने पाठकों से कहा।
‘एक पल ऐसा’ भी उपन्यास के शीर्षक का वास्ता सभी की जिंदगी से है। खासकर महिलाएं ऐसे चाहे-अनचाहे क्षणों को अपने भीतर जब्त कर लेती है। लेखिका आगे बताती है उन्होंने अपनी एक महिला मित्र के जीवन की घटना को उपन्यास का आधार बनाया है। जिसमे निर्णय लेने का इंस्पिरेशन मिला।
अतिथियों का आभार साहित्य भेंटकर व्यक्त किया गया। कविता आलेख से शुरू हुआ प्रीति प्रसाद का लेखकीय सफर उपन्यास तक पहुँच गया है।