रेल प्रबंधन की नादिरशाही 22 ट्रेनों को 25 मई तक के लिए किया रद्द…..
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – ऐसा लगता है कि रेल प्रबंधन को यात्रियों और यात्री ट्रेनों की कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय नेताओं तक सभी रेल प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से यात्री ट्रेनें रद्द किए जाने की जमकर विरोध कर रहे हैं। इसके बाद ट्रेन बंदी के खिलाफ उठ रही इन आवाजों को दरकिनार करते हुए रेलवे ने एक बार फिर 25 मई तक के लिए 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। प्रशासन ने अधोसंरचना के नाम पर 22 ट्रेनों को 25 मई तक रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है ,इन ट्रेनों में 25 मई तक सफर करने वाले यात्रियों की संख्या सवा लाख से अधिक है , जिन्होंने 16 करोड़ रुपए से अधिक की टिकट खरीदी है।
दो साल के कोरोना काल में अपने – अपने घरों में बंद लोग जब घूमने – फिरने के लिए बाहर जाने लगे तो रेलवे ने लोगों को परेशान करना शुरु कर दिया । गर्मी की छुट्टियों में सबसे अधिक भीड़ मई और जून माह के दौरान ट्रेनों में होती है , जिसमें यात्री भीषण गर्मी से बचने के लिए एसी कोच में सफर करने के लिए चार माह पहले ही बुकिंग करा लेते हैं । आरक्षण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर , रायपुर और नागपुर डिवीजन की ओर से चलने वाली ट्रेनों में गेवरा से बिलासपुर होकर अमृतसर जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस , बिलासपुर से भगत की कोठी , बिलासपुर से बीकानेर , एलटीटी से भुवनेश्वर , हटिया से एलटोटी मुख्य ट्रेनों में शामिल है । इन ट्रेनों में बिलासपुर से अधिक यात्री रायपुर और नागपुर डिवीजन के सफर करते हैं । प्रशासन ने नियमित ट्रेनों का परिचालन बंद करना शुरु कर दिया है । पिछले दो दिनों में केवल बिलासपुर स्टेशन के आरक्षण काउंटर से ही दो लाख 86 हजार रुपये रेलवे ने यात्रियों को 517 टिकट के बदले रिफंड किया है। वही अन्य जगहों में कुछ इसी तरह की स्थिति है। रविवार से ही यात्रियों की भारी भीड़ आरक्षण केंद्रों में नजर आ रही है। क्योकि रेलवे ने ट्रेनों को ही रद्द कर दिया जिसके चलते महीने भर पहले की आरक्षण टिकिट को अब यात्रियों को मजबूरी में रिफंड करना पड़ रहा है ।