पूरा संभाग आसमान से बरसती भीषण आग से परेशान…तो लहलहा रही है धान की फसल
(धीरेंद्र मेहता) : बिलासपुर – एक तरफ भीषण गर्मी तो दूसरी तरफ जिले में धान की फसल लहलहा रही। गिरते जलस्तर को ध्यान में रखते धान की फसल लेने मनाही भी है। लेकिन जिले के किसान मानते ही नहीं।
हाल ही में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने किसानों को अन्य फसल लेने और तत्काल ऋण स्वीकृत कराने कलेक्टर एवं सरकारी बैंक प्रबंधकों को निर्देश दिया था। सरकार की मंशा है कि किसान दूसरे किस्म की फसलों को लेने में आनाकानी ना करें। हम आपको बता दें कि रबी फसल की खेती जैसे गेहूं, जौ, सोयाबीन और चना की फसलों के लिए आवेदन दे दो या फिर देखते हैं कहकर अधिकारी टाल देते हैं। लेकिन धान की फसल पर किसानों को खाद,बीज और ऋण आसानी से मिल जाता है। लेकिन अंचल के किसान है कि मानते ही नहीं। ग्रीष्मकालीन फसल में लगाए धान की फसल को लहलहाते आप देख सकते हैं। यह नजारा है बिल्हा क्षेत्र का जहां किसानों ने अपने बूते पर रिस्क उठाते फिर से धान की पैदावार लेने की कोशिश की है। इस रिस्की फसल के बारे में जब किसानों से पूछा गया तो बोरपंप है उससे उनको कोई खतरा नहीं है। वही साल में दो बार धान की फसल लेकर अच्छी आमदनी ले रहे हैं ऐसा कहना है।
भले ही किसान इस मौसम में धान की फसल तो ले रहे। मगर भीषण गर्मी के चलते एक तरफ जलस्तर घट रहा है। इस स्थिति में अगर वह फेल हो जाता है तो किसान की गाढ़े पसीने की कमाई खेतों में मर जाएगी और फसल की सिंचाई नहीं हो पाएगी। चिलचिलाती धूप 43,44 डिग्री पारा ऐसे में पानी का कई गुना ज्यादा पानी फसल को पकाने में लगता है। लेकिन जिले के किसान है कि मानते ही नहीं।