अगर ऐसा हुआ तो… बंद करना पड़ सकता है सिम्स अस्पताल
(नीरज शर्मा) : बिलासपुर – शायद मरीजों और स्टाफ नर्सों की सिम्स प्रबंधन को कुछ पड़ी ही नहीं है। यही एक कारण हो सकता है कि 8 अप्रैल से प्रदर्शन और धरना दे रहे स्टाफ नर्सों की मांग पर अब राज्य सरकार सहित संभाग कमिश्नर भी कोई ध्यान नहीं दे रहे है। 700 बिस्तरों वाले सिम्स में महज 60 स्टाफ नर्स ही काम कर रही है।और अब इनका गुस्सा प्रबंधन पर फूटने भी लगा है।सुनिए सिम्स स्टाफ नर्स यूनियन की अध्यक्ष संजीता केंवट क्या कह रही है।
इनका गुस्सा लाजमी भी है क्योंकि ये व्यवस्था लगभग 20 वर्षों से यू ही चल रही है।और आखिकार सिम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ नीरज शेंडे ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया कि हालात ऐसे ही रहे और आंदोलन अगर उग्र हुआ तो अस्पताल बन्द करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि प्रबंधन भी भर्ती करने और नर्सों की संख्या बढ़ाने की बात कर रहा है मगर ऑटोनोमस बॉडी के अध्यक्ष यानी संभाग कमिश्नर ने अब तक इस पर कोई फैसला नही लिया है।और ना ही राज्य सरकार की ओर से प्रबंधन के पास सुरक्षित 217 पदों पर नियुक्ति का कोई आदेश आया है।यही हालात रहा तो यकीनन सिम्स प्रबंधन और मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।