बिलासपुर

निर्देशक सुभाष पहुंचे अपने शहर, छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बनाने की है योजना….


(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – दिलीप जगवानी/ छत्तीसगढ़ का समृद्ध संगीत कला और लोककथा पर फ़िल्म बनाने के इच्छुक निर्देशक सुभाष जायसवाल शहर पहुंचे । बिलासपुर में रहकर पढ़ाई और रंगमंच पर अभिनय फिर बॉलीवुड का सफर … इस पर उन्होंने प्रेस क्लब विजिट पर चर्चा की।


टीवी जगत में बतौर निर्देशक काम मिलने में करीब दस साल लगे इससे पहले बालाजी टेलीफिल्म के लिए कसौटी जिंदगी की केसर कुमकुम दुर्गेश नंदिनी और मितवा जैसे सीरियल में सहायक निर्देशक रहे सुभाष जायसवाल को शहर से मुम्बई गए 20 साल हो गए है। लेकिन वे अपने बिलासपुर को भूला नही पाए हैं। प्रेस क्लब पहुचे सुभाष जायसवाल ने बताया भारतमाता स्कूल और सीएमडी कॉलेज से पढ़ाई की है। सृजन नाट्य संस्था बनाकर कई साल दर्जनों नाटको का प्रदर्शन किया। मायानगरी मे धैर्य से संघर्ष करते हुए आज मुकाम पाया है। उनके निर्देशन में बने टीवी सीरियल मैं घर घर खेली सरस्वती चंद्र महाकुंभ जिंदगी की महक कृष्णा चली लंदन क्यों रिश्तो में कट्टी बट्टी पिंजरा और इस मोड़ से जाते हैं बेहद लोकप्रिय हुए।


उनका मानना है छत्तीसगढ़ का मीठा संगीत समृद्ध लोककला और संस्कृति को बड़े पर्दे पर सही तरह से प्रदर्शित करने की जरूरत है। अच्छी कहानी पर स्तरीय काम करने के इच्छुक सुभाष कहते हैं छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों को शहरी दर्शक मिलना चाहिए। अच्छा काम हमेशा सफल होता है।


संघर्ष के दिनों में पत्रकारिता से शुरुआत करने वाले शहर के सुभाष जायसवाल आज मुम्बई में रहकर अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। इन दिनों वे कुछ वेब सीरीज पर भी काम कर रहे हैं। स्थानीय कलाकारों के साथ फ़िल्म बनाने की योजना बना रहे हैं।

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