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नकाब” की जगह “हिजाब” टाइप होने से मचा बवाल

(शशि कोन्हेर) : जम्मू-कश्मीर के बारामुला ज़िले में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल में कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान हिजाब न पहनने का निर्देश देने पर विवाद खड़ा होने के बाद अब सेना ने सफ़ाई दी है।सेना ने कहा है कि सर्कुलर में ‘हिजाब’ शब्द गलती से लिखा गया था जबकि निर्देश ‘नक़ाब’ के संबंध में जारी किया गया था। बता दें कि हिजाब सिर्फ़ सिर ढंकता है जबकि नकाब में आंख के सिवा पूरा चेहरा ढंका होता है।


रक्षा प्रवक्ता एमरोन मुसावी ने बताया, “मैं ये स्पष्ट कर दूं कि निर्देश हिजाब नहीं बल्कि नक़ाब के लिए था। ये स्कूल विकलांग बच्चों के लिए है, जिन्हें सुनने आदि में समस्या है उन्हें चेहरे के हावभाव का इस्तेमाल करते हुए फॉनेटिक्स सिखाना होगा। अगर एक टीचर नक़ाब पहनेगी, तो वो कैसे पढ़ाएगी और बच्चे क्या देखेंगे। इसलिए ये आदेश पारित किया गया है सर्कुलर सिर्फ़ शिक्षकों के लिए है।”

डैगर परिवार स्कूल बारामूला के प्रधानाचार्य ने 25 अप्रैल को जारी किए गए परिपत्र में शिक्षिकाओं से स्कूल ड्यूटी के दौरान हिजाब पहनने से परहेज करने को कहा ताकि छात्र सहज महसूस कर सकें और शिक्षकों एवं कर्मचारियों से बातचीत के लिए आगे आ सकें।

स्कूल का 25 अप्रैल का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने इस कदम की आलोचना की थी।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ” मैं हिजाब पर फ़रमान जारी करने वाले इस पत्र की निंदा करती हूँ। जम्मू-कश्मीर पर भाजपा का शासन हो सकता है लेकिन निश्चित तौर पर यह अन्य राज्यों की तरह नहीं है, जहाँ उन्होंने अल्पसंख्यकों के घर गिरा दिए और उन्हें अपने मर्ज़ी की पोशाक पहनने की अनुमति नहीं दी।

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