छत्तीसगढ़

लाउडस्पीकर को लेकर राज ठाकरे ने क्या दी चेतावनी..?

(शशि कोन्हेर): मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने औरंगाबाद में कहा है कि उन्हें चार मई से मस्जिदों पर लाउडस्पीकर की आवाज सुनाई नहीं देनी चाहिए। नहीं तो मस्जिदों के सामने दो गुनी आवाज में हनुमान चालीसा पढ़ी जाएगी। उन्होंने औरंगाबाद में रविवार को एक रैली में सवाल किया कि यदि उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जा सकते हैं, तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? औरंगाबाद के क्रांति चौक पर आयोजित अपनी पार्टी की रैली में राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में दंगा करने या शांति भंग करने का उनका कोई इरादा नहीं है। मैंने पहले भी कहा था, और आज भी कह रहा हूं कि लाउडस्पीकर सामाजिक मुद्दा है, न कि धार्मिक। यदि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर बजेगा, तो हनुमान चालीसा जरूर होगी।

राज ठाकरे की चेतावनी

राज ठाकरे ने अपनी विशेष शैली में चेतावनी दी कि आज एक मई है, कल दो मई है, परसों तीन मई को ईद है। चार मई से हमें मस्जिदों से आवाज नहीं सुनाई देनी चाहिए, नहीं तो उनके सामने दो गुनी आवाज में हनुमान चालीसा पढ़ी जाएगी। राज ने कहा कि संभाजी नगर (औरंगाबाद को ठाकरे परिवार संभाजी नगर ही कहकर पुकारता है) में 600 मस्जिदें हैं। इन पर लगे सारे लाउडस्पीकर अवैध हैं। इनमें से कितनों ने अनुमति ले रखी है। ये लाउडस्पीकर न सिर्फ संभाजी नगर में, बल्कि पूरे देश में नीचे आने चाहिए। महाराष्ट्र सरकार राज ठाकरे के इन तेवरों को लेकर पहले से परेशान है। वह लाउडस्पीकर पर विवाद टालने की गरज से एक सर्वदलीय बैठक भी बुला चुकी है, लेकिन राज ठाकरे उस बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।

शरद पवार पर साधा निशाना

राज ठाकरे ने अपनी रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार की भी जमकर खबर ली। राज ने जातिवाद के मुद्दे पर पवार को घेरते हुए कहा कि अपनी-अपनी जाति से प्रेम सभी को होता है। लेकिन महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जन्म के साथ ही शुरू हुई। शरद पवार दो जातियों में भेद पैदा करने का काम कर रहे हैं। मराठा छत्रप पर तीखा वार करते हुए राज ने कहा कि पवार पवार को हिंदू शब्द से ‘एलर्जी’ है। वह अपने भाषणों में साहू-फुले-आंबेडकर का नाम तो लेते हैं, लेकिन कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लेते। राज ठाकरे ने याद दिलाया कि रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने बनवाई। उनके पहले अखबार का नाम भी ‘मराठा’ था। लेकिन पवार उनका नाम कभी नहीं लेते। वह छत्रपति शिवाजी महाराज की गाथा लिखनेवाले बाबा साहब पुरंदरे का भी नाम नहीं लेते। राज ने औरंगाबाद में विशेष तौर पर छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार थे। उन्होंने कहा कि जो लोग अपना इतिहास याद नहीं रखते, उनके पैरों तले से भूगोल सरक जाता है।

उद्धव ठाकरे बोले, केंद्र सरकार लाउडस्पीकरों के संबंध में कानून बनाने की पहल करे

दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 का लाकडाउन और नोटबंदी राष्ट्रीय स्तर पर लागू की गई, उसी प्रकार केंद्र सरकार को लाउडस्पीकरों के संबंध में कानून बनाने की पहल करनी चाहिए।

राज ठाकरे की रैली में उमड़ी भारी भीड़

राज ठाकरे की रैली को लेकर औरंगाबाद में सांस्कृतिक मंडल मैदान में भारी भीड़ उमड़ी। औरंगाबाद पहुंचने पर राज का भव्य स्वागत किया गया। राज की रैली को लेकर पुलिस सतर्क रही। पुलिस ने इस रैली के लिए मनसे को सशर्त अनुमति दी थी। गत शुक्रवार दोपहर जब राज ठाकरे बाला साहब ठाकरे की तरह भगवा शाल ओढ़कर औरंगाबाद जाने के लिए अपने घर से निकले तो मनसे कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया था। औरंगाबाद 30 फीसद मुस्लिम आबादी वाला शहर है। यहां पिछले चुनाव में शिवसेना को हराकर एआइएमआइएम के इम्तियाज जलील लोकसभा में पहुंचे हैं। औरंगाबाद हमेशा से राजनीति का केंद्र भी रहा है। मुगल शासक औरंगजेब की कब्र इसी शहर में है। औरंगजेब ने लंबे समय तक यहां रहकर छत्रपति शिवाजी महाराज से अपनी लड़ाई जारी रखी। शिवाजी महाराज के बाद उनके पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज को गिरफ्तार कर औरंगजेब ने पुणे के निकट उनकी हत्या करा दी थी।

मुंबई में भाजपा की बूस्टर डोज रैली, देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर साधा निशाना

वहीं, महाराष्ट्र के एलओपी और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, अन्य भाजपा नेताओं के साथ मुंबई के सोमैया ग्राउंड में ‘बूस्टर डोज’ रैली में शामिल हुए। इस मौके पर फडणवीस ने कहा कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने से डरने वाले लोग कह रहे हैं कि उन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया था। देवेंद्र फडणवीस बाबरी मस्जिद विध्वंस का हिस्सा थे। तब शिवसेना का कोई नेता नहीं था। मैं उसे मस्जिद नहीं मानता, यह सिर्फ एक ढांचा था। उनके मुताबिक, सरकार (शिवसेना) किसके लिए काम कर रही है, यह बड़ा सवाल है। उनके दो मंत्री जेल में हैं और वे सरकार के फैसलों पर बेशर्मी से एक मंत्री की तस्वीर छापते हैं जो जेल में है। पहले वर्क फ्राम होम, अब वर्क फ्राम जेल।

बाला साहब ठाकरे की तरह भगवा शाल ओढ़कर घर से निकले थे राज ठाकरे

शिवसेना, भाजपा और मनसे हमेशा से औरंगाबाद का आधिकारिक नामकरण संभाजी नगर के रूप में करवाना चाहते हैं। शनिवार को पुणे से औरंगाबाद रवाना होने से पहले राज ठाकरे ने संभाजी महाराज की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे अपने जीवनकाल में औरंगाबाद को हमेशा संभाजी नगर ही पुकारते रहे। माना जा रहा है कि राज ठाकरे ने बड़ी मुस्लिम आबादी को देखते हुए ही ईद से ठीक पहले अपनी रैली के लिए इस शहर का चुनाव किया है। उन्होंने उद्धव सरकार को चेतावनी दे रखी है कि यदि तीन मई तक महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर न हटाए गए तो उनकी पार्टी मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर पर ही हनुमान चालीसा का पाठ करेगी।

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