(विजय दानिकर): रतनपुर: मंजिल ग्रुप साहित्य मंच दिल्ली का हिंदी साहित्य रथ लगभग सोलह हजार आठ सौ कि मी की यात्रा के साथ छत्तीसगढ़ की साहित्य धानी बिलासपुर में दिनांक 01/05/2022 को पहुंचने के साथ उषाकाल में संस्कार भवन से महामाया चौक तक प्रभातफेरी के माध्यम से हिंदी राष्ट्रभाषा जनचेतना जागरण किया गया। इस अवसर पर बिलासपुर शहर के वरिष्ठ साहित्यकारों ने हिंदी की राष्ट्र भाषा के वर्तमान स्वरुप पर अपने विद्वत विचार प्रकट किये गये।
कार्यक्रम के अध्यक्षी आसंदी से भारतवर्ष के हिंदी भाषा विज्ञान के विद्वान एवं छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा विनय कुमार पाठक ने बताया कि हिंदी भारत की राष्ट्र वाणी है तथा क्षेत्रीय भाषायें हिंदी के बिना अपूर्ण हैं।
रोटरी क्लब,बिलासपुर में प्रातः दस बजे से रात्रि आठ बजे तक चले वार्षिक कार्यक्रम में राष्ट्र गीत,माँ सरस्वती पूजन,छत्तीसगढ़ राज्यगीत गायन, सभी अतिथि व प्रतिभागियों का स्वागत,परिचय रथ यात्रा पगड़ी का स्पर्श व गौरव अनुभूतिकरण के साथ जनचेतना जागरण के साथ हिंदी साहित्य के विकास,दशा-दिशा एवं श्रम दिवस पर भाषण आयोजित किया गया। एक शाम माँ के नाम कार्यक्रम के तहत बत्तीस रचनाकारों ने माँ के उपर हिंदी, छत्तीसगढ़ी में अपनी कविताओं से श्रोता वर्ग को मुग्ध कर दिया।
गजल व गीत संध्या का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक लघुनाटिका के माध्यम से मगसम का ध्येयवाक्य मैं से हम के माध्यम से साहित्य में घुस चुके मैं की बिमारी को हम से उपचारित करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में सम्मान पत्र वितरण का कार्यक्रम हुआ जिसमें मगसम का पारदर्शी प्रक्रिया जिसमें रचना का मूल्यांकन मगसम के अठहत्तर पटलों पर स्थित लगभग बत्तीस हजार रचनाकार,पाठकों के हरा,पीला,लाल सेब मूल्यांकन प्रक्रिया से प्राप्त अंकों के आधार पर शतकवीर, हुंकार, रजत,स्वर्ण रचना सम्मान व लालबहादुर शास्त्री साहित्य रत्न सम्मान दिये गये।
सभी अतिथि व प्रतिभागियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये।
कार्यक्रम का स्वागत संबोधन अंजनीकुमार’सुधाकर’ द्वारा तथा रामेश्वर शांडिल्य द्वारा मगसम पर प्रकाश डाला गया। वंदे मातरम गया प्रसाद साहू के प्रमुख स्वर के साथ व छत्तीसगढ़ राज्य गीत लक्ष्मी करियारे व सूरज श्रीवास के द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंच का संचालन संगीता बनाफर, पूर्णिमा तिहारी, दिनेश पाण्डेय,दीनदयाल यादव तथा डा राजेंद्र वर्मा द्वारा किया गया। मंच पर सुधीर सिंह सुधाकर,डा विनय कुमार पाठक, डा राघवेंद्र दुबे, सनत तिवारी,शोभा त्रिपाठी,डा यदू, अंजनीकुमार’सुधाकर’,राजेश्वर शाण्डिल्य की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में गरियार रोड,सिहावा, रतनपुर, धमतरी, रायपुर, दुर्ग, कोरा, जांजगीर, सारंगढ़, मूंगेली, रणधीर, बिलासपुर से रचनाकार,हिंदी साहित्य प्रेमी,मगसम के लगभग सत्तर से अधिक सक्रिय सदस्य उपस्थित रह कर कार्यक्रम को सफल बनाये।
कार्य क्रम में मगसम का श्रेष्ठ साहित्य सम्मान लालबहादुर साहित्य रत्न सम्मान बिलासपुर के साहित्यकार अंजनीकुमार’सुधाकर’ को डा विनयकुमार पाठक व राष्ट्रीय संयोजक सुधीर सिंह सुधाकर के हाथों से सम्मानित किया गया। रतनपुर के साहित्यकारो दिनेश पाण्डेय, शुकदेव कश्यप, रामेश्वर सांडिल्य, डाक्टर राजेंद्र कुमार वर्मा,दीन दयाल यादव को मातोश्री सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही अन्य साहित्यकारो का भी सम्मान किया गया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संयोजक सुधीर सिंह सुधाकर एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डा विनय कुमार पाठक के सारगर्भित संबोधन में हिंदी के विकास में मगसम की भूमिका के प्रत्यक्षीकरण को रेखांकित किया गया। अंत में समूह राष्ट्र गान के साथ कार्य क्रम का समापन हुआ। धन्यवाद ज्ञापन शुकदेव कश्यप द्वारा किया गया।