छत्तीसगढ़रायपुर

गायत्री परिवार द्वारा गंगा सप्तमी पर खारुन नदी की सफाई

(शशि कोन्हेर ): रायपुर : अखिल विश्व गायत्री परिवार रायपुर के परिजनों द्वारा रविवार 8 मई को गंगा सप्तमी पर स्थानीय नदी, तालाबों को स्वच्छ रखने का संकल्प के साथ खारुन नदी की महादेव घाट में सफाई कर निर्मल गंगा अभियान की शुरुवात की गई। इसके तहत इस वर्ष सभी परिजन स्वच्छ जल के सरंक्षण के लिए अपने आस पास स्थित नदी व तालाबों की सफाई करेंगे। गायत्री परिवार रायपुर के युवा प्रकोष्ठ प्रभारी श्री आशीष राय ने बताया कि गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन व मार्गदर्शन में गंगा सप्तमी पर जल श्रोतों की सफाई का अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है। 15 सौ स्थानों पर गंगा किनारे यह अभियान चल रहा है। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष के सातवें दिन गंगा सप्तमी मनाते हैं। सनातन धर्म को मानने वालों में इस पर्व के प्रति काफी आस्था है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत-पूजा और दान का विशेष महत्व है।

जो लोग किसी कारण से इस दिन गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते, वो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। ऐसा करने से तीर्थ स्नान का ही पुण्य मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महर्षि जह्नु जब तपस्या कर रहे थे, तब गंगा नदी के पानी की आवाज से बार-बार उनका ध्यान भटक रहा था। इसलिए उन्होंने गुस्से में आकर अपने तप के बल से गंगा को पी लिया। हालांकि, बाद में अपने दाएं कान से गंगा को पृथ्वी पर छोड़ दिया था। इसलिए ये गंगा के प्राकट्य का दिन भी माना जाता है। तभी से गंगा का नाम जाह्नवी पड़ा। अन्य श्रुति अनुसार मां पतित पावनी गंगा जब स्वर्ग लोक से  निकली थी वह दिन गंगा सप्तमी का दिन था तथा जिस दिन भगवान शिव की जटा से भारत भूमि को पावन किया वह पावन दिन गंगा दशहरा का दिन था।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तालाबों और नदियों का प्रदेश है जहाँ तालाबों और नदियों को जलदेवती मां कहा गया है। इसे स्वच्छ रखना हम सबकी जवाबदारी है, जो जन सहयोग से ही पूरा होगा। उन्होंने अपने गांव के तालाबों और नदियों में स्वच्छ रखने की अपील की। रविवार  सुबह 7 से 8 बजे के बीच में महादेव घाट में खारुन नदी की सफाई में मुख्य रूप से युवा प्रकोष्ठ से दिनेश निषाद, महेंद्र वर्मा, खोमन साहू, नेहा बघेल, माधुरी साहू, रीना निषाद, नंद किशोर कोसरकर,  हितेश साहू,  मृत्युंजय प्रजापति, प्रकाश साहू, राजेश शर्मा, ताराचंद, ललेश्वर प्रधान, रामलाल पेंडरिया व वरिष्ठ परिजन घनश्याम केसरवानी, विनोद कौशिक, हीरालाल निषाद उपस्थित थे।

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