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शाहीन बाग मामले में सीपीआईएम की अर्जी हुई खारिज….सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल..पीड़ितों की जगह राजनीतिक दल क्यों आए

(शशि कोन्हेर) : साउथ दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए जो अभियान चल रहा है, उसके खिलाफ दायर CPIM पार्टी की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी पूछा कि इस मामले में पीड़ितों की जगह राजनीतिक दलों ने अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया है.

साउथ MCD में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर में सुनवाई हुई. कोर्ट ने पूछा कि CPIM पार्टी इस मामले में याचिका क्यों दायर कर रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पीड़ित पक्ष हमारे पास आता है तो समझ आता है. क्या कोई पीड़ित नहीं है?

इसपर सीनियर वकील पी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि एक याचिका रेहड़ीवालों के एसोसिएशन की भी है. आगे जस्टिस राव ने कहा कि आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था. वहीं यह भी कहा गया कि अगर रेहड़ी वाले भी नियम तोड़ रहे होंगे तो उनको भी हटाया जाएगा.

कोर्ट ने कहा कि जहांगीरपुरी में हम लोगों ने इसलिए दखल दी क्योंकि इमारतों को गिराया जा रहा था. रेहड़ी पटरी वाले सड़क पर सामान बेचते हैं. अगर दुकानों को नुकसान हो रहा है तो उनको कोर्ट आना चाहिए था. रेहड़ी पटरी वाले क्यों आए?

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर साउथ दिल्ली में तोड़ा क्या गया है? इसपर एडवोकेट सुरेंद्रनाथ ने कहा कि दुकानों को हटाया जा रहा है.

शाहीन बाग में बेरंग लौटा बुलडोजर

साउथ MCD के प्लान के मुताबिक, आज शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाया जाना था. बुलडोजर वहां सुबह 11 बजे पहुंचा भी, लेकिन उसे बेरंग लौटना पड़ा. शाहीन बाग में MCD के एक्शन का भारी विरोध हुआ. वहां MCD ने सिर्फ एक घर के आगे खड़ी लोहे की रॉड्स को हटाया जो कि शैटरिंग के काम के लिए लगी थी. स्थानीय लोगों के कहा कि रेनोवेशन के बाद उनको वैसे भी हटाया ही जाना था.

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