कोरबाबिलासपुर

पाली उपवन परिक्षेत्र में बाघ, हाथियों की चहलकदमी से दहशत,चैतुरगढ़ के घने जंगल में दिखा शेर, नगोई पहुंचा हाथियों का दल……..

(भूपेंद्र सिंह राठौर) :पाली उप वन मंडल के चैतुरगढ़ की पहाड़ियों में बाघ और जंगली हाथियों के झुंड ने आमद दे दी है। जिससे ग्रामीण खौफजदा है। वन विभाग इनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और ग्रामीणों से जंगल से दूर रहने की अपील की है।

पाली उप वन मंडल के वन क्षेत्र में इन दिनों कई जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में  देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। चैतुरगढ़ पहुंच मार्ग में लाफा से आगे नगोई गांव के निकट विगत 3 दिन से 9 हाथियों का झुंड जिसमें दो बच्चा भी है विचरण करते दिखा है। जंगल से हाथी का दल गांव की सरहद में गोठान तक पहुंच गया। इससे भयभीत ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दे दिया है। मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने किसी भी जन हानि को रोकने के लिए ग्रामीणों को सजग रहने के निर्देश दिए हैं और इन्हें जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास भी कर रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों ने राजेंद्र नामक ग्रामीण के मकान को क्षतिग्रस्त भी कर दिया है और बाड़ी को उजाड़ दिया है। धान को भी खाया। इस वर्ष क्षेत्र में महुआ की जबरदस्त पैदावार हुई है यह भी हाथियों के भटकने  का एक कारण है। इन हाथियों के दल का पसान से मरवाही पेंड्रा के रास्ते पुनः कोरबा जिले में प्रवेश करने का अनुमान है।

एक हफ्ते पूर्व दिखा था बाघ ,बैल को बनाया शिकार

चैतुरगढ़ के रामटोक से बिजराघाट के बीच में एक बाघ की आवाजाही चिन्हित किया गया है। गत दिनों पाली निवासी अनिल अग्रवाल रात्रि 9 बजे ट्रैक्टर  मे 5 श्रमिकों सहित सपलवा से बगदरा होते हुए पाली आ रहा था। रामटोक के घने जंगलों के बीच सड़क में बैठा बाघ दिखा। यह देख उनकी घिगगी बँध गई। उसने ट्रैक्टर रोककर बाघ के जाने का इंतजार किया और उसके जाने के बाद घर पहुंचने पर उसने वन विभाग को इसकी जानकारी भी दी। इसकी पुष्टि ग्रामीणों ने भी की है उन्होंने वन विभाग को लिखित में सूचना दर्ज कराते हुए कहा कि उनके गांव के कुछ पशुओं का बाघ ने शिकार किया है। ग्राम बारीउमराव निवासी ग्रामीण सुखरू सिंह पिता बलवान सिंह के एक बैल को बिजरा घाट के पास शेर ने अपना निवाला भी बनाया है।

जंगली सुअर के लिए लगाये करेंट मे फँसा लकड़बग्घा,मौत

चैतमा वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत पोटापानी के आश्रित ग्राम सुनईपुर मे शिकारियों के जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाए बिजली करंट के बिछाए जाल मे एक लकड़बग्घा  फंसकर मौत हो गई। इससे भयभीत शिकारियों ने वन विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए लकड़बग्घे का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। जब क्षेत्र में बदबू  उठने लगी, तो वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक लगी। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और यह पूरा वाकया सामने आया। वन विभाग की टीम ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है।

वन संपदा और जीवो से भरपूर है पाली वन परीक्षेत्र

पाली उप वन मंडल वन्य संपदा और वन्यजीवों से भरपूर है। यह वन क्षेत्र  विविध प्रकार के वन औषधि, पादपों से परिपूर्ण है। जिजीविषा समिति कोरबा द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में चैतुरगढ़ लोक संरक्षित क्षेत्र में 100 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों प्राप्त हुई।वही जंगली सूअर, लकड़बग्घा, हिरण, भालू ,सियार,बन्दर, खरगोश, शाही, नेवला, कबर बिज्जू आदि जैसे जीव का स्वच्छ रहवास है। इसके अलावा विलुप्त प्राय पैंगोलिन, उड़न गिलहरी जैसे जीव के होने की पुष्टि हुई है। वही अचानकमार अभयारण्य से सटे होने के कारण बाघ और तेंदुए, वनभैसा की आवाजाही मौसम के अनुसार होते रहता है।गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में चारे और पानी की कमी से जंगली जानवरों का रुख गांव की ओर हो जाता है। अभी कुछ दिन पूर्व ही नगोई में भालू और उसका शावक गांव में घुस गया था।ग्राम पढ़नापथरा और इसी सप्ताह बतरा क्षेत्र में जंगली सूअर ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया। जबकि दमिया जंगल में कुत्तों ने हिरन को अकाल मौत का ग्रास बना दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button