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असम में बाढ़ से मची भारी तबाही…24 गांव के 2 लाख लोग हुए प्रभावित… 7 की मौत

(शशि कोन्हेर) : असम में लगातार बारिश से कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है। राज्य के 24 जिलों में करीब दो लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले कछार जिले में ही 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से 46 राजस्व मंडलों के 652 गांव प्रभावित हैं। बाढ़ के पानी में 16,645.61 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न है।

असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि कछार, चराईदेव, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़ और दीमा-हसाओ सहित 24 जिलों में अब तक 2,02,385 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग लापता भी हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है। कछार में जिला प्रशासन की तरफ से 55 राहत शिविर और 12 वितरण केंद्र बनाए गए हैं। लगभग 33 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों ने यहां शरण ली है।

भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है। न्यू कुंजंग, फियांगपुई, मौलहोई, नामजुरंग, दक्षिण बगेतार, महादेव टीला, कालीबाड़ी, उत्तरी बगेतर, सिय्योन और लोदी पंगमौल गांवों से भूस्खलन की सूचना मिली है। भूस्खलन के कारण जतिंगा-हरंगाजाओ और माहूर-फिडिंग में रेलवे लाइन ब्लाक हो गई है।

राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया है। कछार जिला प्रशासन और असम राइफल्स के बीच एक संयुक्त उद्यम ने बाराखला इलाके में बाढ़ पीड़ितों को बचाया और उन्हें राहत शिविरों में भेजा है।

उधर, ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। जोरहाट जिले के नीमतीघाट और नागांव जिले के कामपुर क्षेत्र में कोपिली नदी भी खतरे के निशान से ऊपर है। नागांव जिले के कामपुर इलाके में बाढ़ की स्थिति के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।

सोमवार को लगातार बारिश के कारण दितोचेरा स्टेशन पर कई लोग फंस गए थे। दितोचेरा स्टेशन पर फंसे सभी यात्रियों को बचा लिया गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि स्टेशन पर फंसे करीब 1600 रेल यात्रियों को बचा लिया गया है। यात्रियों को बदरपुर और सिलचर भेजा गया है।

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