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असम में बाढ़ से 8 लाख लोग प्रभावित, जान बचाकर रेल की पटरियों के भरोसे रह रहे 500 से ज्यादा परिवार…..

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – असम में हर साल बाढ़ मुसीबत का सबब बनकर आती है, लेकिन इस बार बाढ़ ने असम में अपना रौद्र रूप दिखा रही है. आलम ये है कि इलाके राज्य के कई गांवों में पानी भर चुका है. जमुनामुख जिले के दो गांवों के 500 से अधिक परिवार रेलवे ट्रैक पर रह रहे हैं, क्योंकि सिर्फ ये ही ऐसी जगह है जो बाढ़ के पानी में नहीं डूबी है. बाढ़ में अपना लगभग सब कुछ खो देने के बाद चांगजुरई और पटिया पाथर गांव के लोग बेहद बेबस नजर आ रहे हैं. तिरपाल की चादरों से बने शिविर में शरण लेने वाले ग्रामीणों का दावा है कि उन्हें पिछले पांच दिनों में राज्य सरकार और जिला प्रशासन से ज्यादा मदद नहीं मिली है.

आपको बता दें कि इस वक्त असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, 29 जिलों के 2,585 गांवों में 8 लाख से अधिक लोग प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं. प्री-मानसून बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में 14 लोगों की मौत हो गई है. 343 राहत शिविरों में 86,772 लोगों ने शरण ली है, जबकि अन्य 411 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं. सेना, अर्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत बलों ने नावों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 21,884 लोगों को रेस्क्यू किया है.

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