(शशि कोन्हेर) : दपूमरे के अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश से होकर जाने वाली लगभग 35 ट्रेनों को एक माह तक बंद करने के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने रेल मंत्री अश्वनी चौबे को पत्र प्रेषित कर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ कोयला ढुलाई के नाम पर यात्री ट्रेनों को बंद करना रेलवे विभाग की मनमानी को प्रदर्शित करता है। कोरबा के यात्री ट्रेनों को आपके आश्वासन के बाद भी प्रारंभ नहीं किया जा सका है जो इस क्षेत्र की जनता के साथ रेलवे का उपेक्षापूर्ण रवैया को प्रदर्शित करता है।
छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने का सिलसिला निरंतर जारी है। रेलवे बोर्ड ने अब जून में भी 36 ट्रेनों को एक माह के लिए कैंसिल कर दिया है। अप्रैल व मई की तरह जून में भी रेलवे की मनमानी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ेगा। रेलवे के इस फैसले का विरोध करते हुए कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि रेलवे प्रशासन ने बिलासपुर जोन और यहां से गुजरने वाली जिन ट्रेनों को रद्द किया है वे आम जनता के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इनमें से बिलासपुर जोन की एक्सप्रेस और मेमू-डेमू तो यहां की जनता के लिए लाइफ लाइन के समान हैं। खासकर वे ट्रेनें जो बिलासपुर-कटनी रूट पर चलती हैं।
ज्यादातर ट्रेनें इसी रूट की है। बिलासपुर-भोपाल, बिलासपुर-रीवा जैसी ट्रेन को काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा मेमू लोकल भी बहुत मायने रखती है। ये सभी ट्रेनें उसलापुर, घुटकू, कलमीटर, करगीरोड कोटा, सल्का, बेलगहना, टेंगनमाड़ा, खोंगसरा, खोडरी, सारबहरा, पेंड्रारोड, अनूपपुर होते हुए शहडा़ेल तक काफी महत्वपूर्ण हैं। अधिकांश ट्रेनों को रद्द कर कोयले की सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है। 25 मई से 24 जून तक गाड़ी संख्या 18239 गेवरारोड-इतवारी एक्सप्रेस कोरबा-गेवरा रोड़ के मध्य रद्द रहेगी। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनों का परिचालन बंद किए जाने का निर्णय उचित नहीं है। प्रजातंत्र में जन भावनाएं सर्वोपरि है। आग्रह करती हूं कि ट्रेनों के बंद किए जाने संबंधी आदेश को निरस्त कर यात्री ट्रेनों का परिचालन निरंतर जारी रखने संबंधितों को निर्देश प्रसारित करेंगे।