बिलासपुर

बुधवार को बिलासपुर में हुए भाजपा के जंगी प्रदर्शन को लेकर, कांग्रेस में क्यों छाया हुआ है सन्नाटा..?

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। स्मार्ट सिटी के पैसों की बंदरबांट, कमीशन खोरी, जमीन की धंधे बाजी, कानून व्यवस्था का दिवाला और शहर में विकास कार्यों के ठप होने जैसे गंभीर आरोपों को लेकर पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल की अगुवाई में बुधवार को बिलासपुर के नेहरू चौक पर जंगी प्रदर्शन किया गया। इसमें शामिल हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ और सभी का उत्साह तथा जोशो खरोश..प्रदर्शन को जबरदस्त रूप से सफल बना गया। प्रदर्शन और रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने मंच से प्रदेश और शहर सरकार पर दर्जनों गंभीर आरोप लगाए…और कोई मौका होता तो इस प्रदर्शन के खिलाफ और पूर्व मंत्री के विरोध में कांग्रेस के नेताओं की ओर से मडिया में तल्ख बयान बाजी आनी शुरू हो जाती। लेकिन बुधवार को अमर अग्रवाल की अगुवाई में हुए इस जंगी प्रदर्शन के बाद पार्टी के किसी भी नेता अथवा संगठन के पदाधिकारी ने इसके विरोध में ना तो कुछ कहा और ना ही कोई बयान भी जारी किया । मीडिया में भी इस प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस जनों का कोई बयान प्रमुखता से दिखाई नहीं दिया। कांग्रेस में इस प्रदर्शन को लेकर पहली बार छाया ऐसा सन्नाटा समझ से परे है। आखिरकार शहर में रहने वाले कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की रैली और प्रदर्शन को लेकर क्यों चुप्पी साध रखी है… समझ से परे है। इसके पहले जब भी भाजपा का कोई प्रदर्शन और आंदोलन हुआ करता था। तो उसके 1 दिन पहले ही मीडिया में शहर के नेताओं का बड़ा बड़ा बयान सामने आ जाया करता था। जिसमें वे भाजपा की केंद्र सरकार और प्रदेश में 15 साल के भाजपाई शासन को लेकर प्रहार किया करते थे। अभी कुछ दिनों पहले पार्टी की ओर से हुए जेल भरो आंदोलन पर भी पलटवार करते हुए मीडिया में कांग्रेस जनों के बयान देखने को मिले थे। लेकिन बुधवार को नेहरू चौक पर हुए भाजपा के धमाकेदार जंगी प्रदर्शन को लेकर ऐसा कोई बयान कांग्रेस की ओर से जारी नहीं किया गया। न तो संगठन के किसी नेता ने प्रदर्शन और आंदोलन पर पलटवार किया और ना किसी मंत्री संत्री ने। बिलासपुर शहर और शहर से जुड़े कांग्रेस विधायक भी इस प्रदर्शन को लेकर अजीब सी चुप्पी अपनाए रहे। कांग्रेस के विगत 3 साला शासनकाल और उसके पूर्व में भी भाजपा के खिलाफ ऐसा सन्नाटा, शायद ही कभी दिखाई दिया हो। इस बारे में जब हमने कांग्रेस के कुछ सक्रिय और वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात की। तो उन्होंने इस सन्नाटे के लिए, दूसरे नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदार बताया। कुछ पदाधिकारियों का यह भी कहना था कि वे यह देख रहे हैं कि दूसरे कोई नेता इस पर, कुछ बोलते भी हैं या नहीं..और तब एकाध दिन बाद वे भी अपना बयान जारी करेंगे..!..कारण चाहे जो भी हो..लेकिन बुधवार को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की अगुवाई में नेहरू चौक पर हुए जंगी प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस के नेताओं की चुप्पी और पार्टी में छाया सन्नाटा कई तरह के सवाल उठा रहा है। पहला सवाल तो यह है कि क्या कांग्रेस के बिलासपुरिहा नेताओं में भाजपा के आंदोलन और उसकी अगुवाई कर रहे पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को लेकर अलग-अलग राय हैं..? या फिर लखनऊ के नवाबों की तर्ज पर इस आंदोलन के विरोध में कांग्रेस के भीतर “पहले-आप” “पहले आप” वाला खेल तो नहीं चल रहा..? या कहीं ऐसा तो नहीं है कि पूर्व मंत्री ने स्मार्ट सिटी के पैसों की बंदरबांट और कमीशन खोरी के साथ ही जमीन की खरीदी बिक्री सरीखे जिन मुद्दों और आरोपों को लेकर यह विशाल धरना और प्रदर्शन किया। उन मुद्दों को शहर के कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग भी सही मान रहा हो। यह जानना दिलचस्प होगा कि बुधवार के आंदोलन प्रदर्शन के खिलाफ कांग्रेस में पसरे ऐसे सन्नाटे कि यही एक वजह है,अथवा कुछ और..!

बहरहाल, प्रदेश के बीते विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद से तकरीबन “कोमा” में पड़ी भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली से “शॉक ट्रीटमेंट” मिलना शुरू हो गया है। और इसके चलते ही प्रदेश तथा शहर भाजपा ने आंदोलन और प्रदर्शन का ऐसा सिलसिला शुरू किया है.. जो आगे और जंगी तथा सिलसिलेवार होता रहेगा। ऐसे में अगर भाजपा के इन आंदोलनों और प्रदर्शनों को लेकर कांग्रेस नेताओं ने इस या उस कारण से ऐसी ही चुप्पी साध ली तो फिर…

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