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बड़ी संख्या में पूर्व जजों नौकरशाहों और सशस्त्र बलों के अफसरों ने चिट्ठी लिखकर की मोदी सरकार की सराहना

(शशि कोन्हेर): अभी कुछ दिन पहले ही सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ”नफरत की राजनीति” खत्म किए जाने की मांग की थी.

अब एक बार फिर सौ से ज़्यादा पूर्व जजों और नौकरशाहों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का बचाव किया है साथ ही पहले लिखी गई चिट्ठी को लिखने वालों के इरादे पर सवाल उठाया है.

ताज़ा खुला खत 8 पूर्व जजों, 97 पूर्व नौकरशाहों और 92 पूर्व सशस्त्र बलों के अधिकारियों के हस्ताक्षर के साथ है. अपने को ”कंसर्न्ड सिटीजंस” बताने वाले इस समूह का कहना है कि वो कॉन्स्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) की तरफ़ से लिखी गई चिट्ठी का समर्थन नहीं करते हैं.

सीसीजी की तरफ़ से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया था कि, “देशभर नफरत से भरी तबाही का उन्माद देखा जा रहा है, जहां बलि के लिए केवल मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य ही नहीं, बल्कि संविधान भी है.”

अब ”कंसर्न्ड सिटीजंस” की तरफ़ से लिखी गई ताज़ा चिट्ठी में सीसीजी की तरफ़ से लिखी गई पुरानी चिट्ठी को एकतरफ़ा बताया गया है.

”कंसर्न्ड सिटीजंस” का कहना है कि सीसीजी की चिट्ठी पक्षपाती है और बार-बार एक ही तरह के शब्दों को दोहराती नज़र आती है.

”कंसर्न्ड सिटीजंस” ने पश्चिमी बंगाल हिंसा के वक्त सीसीजी की कथित चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. ताज़ा चिट्ठी में दावा किया गया है कि बीजेपी सरकार में बड़े सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में कमी आई है, जिसकी लोगों ने भी तारीफ़ की है।

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