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सम्‍मान स्‍वीकार, धनराशि से इनकार, गांधी शांति पुरस्‍कार के साथ एक करोड़ की रकम नहीं लेगा गीता प्रेस….जानें वजह

(शशि कोन्हेर) : विश्‍व प्रसिद्ध गीता प्रेस को 2021 का गांधी शांति पुरस्‍कार देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता वाली जूरी के निर्णय के बाद रविवार को केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा इसका ऐलान किया गया। अब गीता प्रेस बोर्ड ने फैसला लिया है कि वो सम्‍मान जरूर स्‍वीकार करेगा लेकिन इसके साथ मिलने वाली धनराशि नहीं लेगा। दरअसल, इससे पहले गीता प्रेस ने कभी कोई पुरस्‍कार स्‍वीकार नहीं किया था।

गीता प्रेस सौ साल से सनातन संस्कृति का संवाहक है। इसकी ख्याति सनातन संस्कृति और धार्मिक पुस्तकों के तीर्थ के रूप में भी है। गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्‍कार दिए जाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। पुरस्कार को प्रबंधन से जुड़े लोगों ने सनातन संस्कृति का सम्मान बताया है लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा कि अपनी परंपरा के मुताबिक प्रेस किसी भी सम्‍मान को स्‍वीकार नहीं करता है। हालांकि बोर्ड मीटिंग में तय हुआ है कि इस बार परंपरा को तोड़ते हुए सम्‍मान को स्‍वीकार किया जाएगा लेकिन इसके साथ मिलने वाली एक करोड़ रुपए की धनराशि नहीं ली जाएगी।


गांधी शांति पुरस्‍कार में एक प्रशस्‍ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्‍कृष्‍ट पारंपरिक हस्‍तकला, हथकरघा की कलाकृति के साथ एक करोड़ रुपए की धनराशि दी जाती है। मिली जानकारी के अनुसार गीता प्रेस बोर्ड की बैठक में तय हुआ है कि धनराशि को छोड़कर प्रशस्ति पत्र, पट्टिका और हस्‍तकला, हथकरघा की कलाकृति आदि स्‍वीकार की जाएगी।

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