भीषण गर्मी की चेतावनी के बीच राज्यों को एडवाइजरी…..
मौसम विभाग (IMD) ने इस वर्ष के लिए भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है। इसको लेकर केंद्र सरकार भी अभी से एक्टिव मोड में है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को बड़ी बैठक की। इसमें आईएमडी, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन के अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करने को कहा है।
बैठक के बाद मनसुख मंडाविया ने कहा, “आईएमडी ने इस वर्ष के लिए अल-नीनो की भविष्यवाणी की है और इसलिए इस वर्ष हीटवेव की संभावना अधिक है। आईएमडी ने कहा है कि इस गर्मी में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।” उन्होंने कहा कि यह साल चुनावी साल है और हीटवेव के चलते हीट स्ट्रोक न हो, इससे बचने के लिए मैंने आईएमडी, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा की और केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करने को कहा है।”
मौसम विभाग ने मंगलवार को दक्षिण बंगाल के जिलों में 6 अप्रैल तक लू की चेतावनी जारी की। मौसम कार्यालय ने दक्षिण बंगाल के जिलों में अगले कुछ दिनों में दिन के अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की चेतावनी दी है। देश भर में अप्रैल से जून तक अत्यधिक गर्मी पड़ने की आशंका है, जिसका मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हीट वेव कहीं हीट स्ट्रोक का रूप न ले ले इसको लेकर कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। हीट स्ट्रोक गर्मी से होने वाली सबसे गंभीर बीमारी है। यह तब होता है जब शरीर अब अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकता। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर साल गर्मियों में जो तापमान रहता है इस साल उससे ज्यादा रहने का अनुमान है। इसे देखते हुए जनता को खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस साल जब आप चुनावी अभियान के लिए जाएं तो आप पानी पीते रहिए और साथ में पानी की बोटल रखिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को समय-समय पर पानी पीने के साथ जूस का सेवन भी करना चाहिए। इसके अलावा नींबू पानी भी पीना चाहिए। गर्मी के मौसम में मिलने वाले फल भी खान सकते हैं।
मौसम विभाग की मानें तो गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। अप्रैल और जून के बीच देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार है, पूर्वी और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जहां सामान्य से सामान्य से नीचे अधिकतम तापमान होने का अनुमान है।