2 साल बाद नवरात्र की महासप्तमी (साते रात) पर आज 8 अप्रैल को होगी महामाया पदयात्रा, 50000 से भी अधिक श्रद्धालु माता के दरबार में मत्था टेकने बिलासपुर से पैदल रतनपुर तक जाएंगे, श्रद्धालुओं की वापसी के लिए बसों का इंतजाम करें ट्रस्ट समिति और प्रशासन
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – बिलासपुर समेत प्रदेश और देश-विदेश के अनेक श्रद्धालुओं के श्रद्धा केंद्र सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया मंदिर रतनपुर में नवरात्र के प्रथम दिन से शुरू विधि के साथ नवरात्र पूजा अर्चना का सिलसिला चल रहा है। कोविड-19 के संक्रमण की आशंका और उसके चलते लागू हुए प्रतिबंधों के कारण बीते 2 साल से मां महामाया मंदिर रतनपुर में नवरात्र पर्व समारोह पूर्वक नहीं मनाया गया। इन 2 सालों में नवरात्रि की पूजा अर्चना तो होती रही लेकिन आमजन के लिए माता के दर्शन निषेध रहे। अब कोविड-19 की तीसरी लहर समाप्त होने के बाद मां महामाया भक्तों में नवरात्र पर्व पर दिखाई दे रहा है। इसके कारण ही इस बार मंदिर के ज्योति कलश कक्षाओं में तेल और घी के 18000 से भी अधिक अखंड मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित हुए हैं। कोविड-19 की समाप्ति के बाद नवरात्र पूजा की तरह ही रतनपुर महामाया मंदिर नवरात्रि की सप्तमी रात्रि (साते रात) आज 8 अप्रैल को बिलासपुर से रतनपुर तक निकलने वाली महामाया पदयात्रा इस बार और भी अधिक जोर शोर से आयोजित की जाएगी। इसके लिए महामाया मंदिर समिति और इसी तरह मां महामाया के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है। एक अनुमान है कि साते रात पर बिलासपुर से रतनपुर जाने वाली महामाया पर यात्रा में 50000 से भी अधिक लोग शामिल होंगे।