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आजम, अब्दुल्ला के बाद अब अफजाल अंसारी की गई सदस्यता….कोर्ट ने सुनाई थी चार साल की सजा


(शशि कोन्हेर) : गैंगस्टर एक्ट मामले में बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा होने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। लोकसभा के प्रधान सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी अधिसूचना में गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता को अयोग्य घोषित किया गया है। जानकारी के अनुसार अंसारी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) के प्रावधानों के तहत उन्हें दोषी ठहराये जाने की तिथि अर्थात 29 अप्रैल, 2023 से लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया गया है। अब इस सीट पर उपचुनाव होना तय माना जा रहा है। बतादें कि गैंगस्टर मामले में बसपा से सांसद अफजाल अंसारी को सजा होने के बाद डीजी अभियोजन को रिपोर्ट भेजी गई थी। रिपोर्ट भेजे जाने के बाद ही अफजाल की सदस्यता खत्म होने का नोटिफिकेशन जारी किया गया।

रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 8 (3) के तहत किसी जनप्रतिनिधि के किसी मामले में दोषी करार होने और कम से कम दो साल की सजा मिलने पर उसकी संसद सदस्यता खत्म हो जाती है। सजा के संबंध में जिला प्रशासन से डीजी अभियोजन को रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके बाद डीजी अभियोजन संसद के सचिव को रिपोर्ट भेजते हैं जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी होती है। एडीएम वित्त अरुण कुमार सिंह ने बताया था कि अफजाल अंसारी को सजा सुनाए जाने के आदेश की प्रति रविवार होने के चलते नहीं मिली थी। सोमवार को आदेश की प्रति मिलते ही एक रिपोर्ट बनाकर डीजी अभियोजन को भेजी गई थी।

यूपी में कोर्ट से सजा मिलने के बाद कई माननीय अपनी लोकसभा और विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं। बसपा सांसद अफजाल अंसारी से पहले सपा नेता मो. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता जा चुकी है। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। रामपुर की एक अदालत ने उन्हें वर्ष 2019 के एक हेट स्पीच के मामले में दोषी ठहराया था और तीन साल की सजा सुनाई गई थी। सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है।

चुनाव लड़ते समय उन्होंने अपनी उम्र अधिक बताते हुए गलत शपथपत्र दिया था। इसके अलावा खतौली से भाजपा के विधायक रहे विक्रम सैनी भी सदस्यता गवां चुके हैं। उन्हें 2013 के दंगा मामले में दो साल की सजा दी गई थी। 17वीं विधानसभा में हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल, उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और गोसाईगंज के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू तिवारी की सदस्यता खत्म हो चुकी है। इसके पहले एमबीबीएस सीट घोटाले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य काजी रशीद मसूद की सदस्य गई थी। कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्य सभा भेजा था। वर्ष 2013 में कोर्ट ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

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