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मुख्तार के बाद अब अफजाल अंसारी भी दोषी करार… हुई
10 साल और 4 साल की सजा जाएगी सांसदी..!

(शशि कोन्हेर) : भाजपा विधायक कृष्‍णानंद राय की हत्‍या के बाद गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक मुख्‍तार अंसारी और उसके भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को इस मामले में दोषी करार देते हुए गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने क्रमश: 10 साल और 4 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अफजाल की सांसदी खत्‍म होने का रास्‍ता भी साफ हो गया है। बता दें कि अफजाल अंसारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी रहे मनोज सिन्‍हा (वर्तमान में जम्‍मू-कश्‍मीर के उप राज्‍यपाल) को हराकर जीत हासिल की थी।

अंसारी बंधुओं को सजा सुनाए जाने पर कृष्‍णानंद राय के परिवार ने संतोष जताया है। कृष्‍णानंद राय के बेटे पीयूष ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि यह मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ की सरकार की मजबूत पैरवी और अपराध के प्रति जीरो टालरेंस नीति का सबूत है।

सजा सुनाए जाने के वक्‍त सांसद अफजाल अंसारी अदालत के कठघरे में मौजूद रहे। जबकि पूर्व विधायक मुख्‍तार अंसारी की पेशी बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। सांसद अफजाल और मुख्‍तार पर आने वाले फैसले के मद्देनज़र कोर्ट परिसर में सुबह से ही कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई थी। सजा सुनाए जाने के बाद मौके पर गाजीपुर डीएम और एसएसपी भी पहुंचे।

कैदी वाहन में जिला जेल के लिए रवाना हुए अफजाल
सजा सुनाए जाने के थोड़ी देर बाद सांसद अफजाल अंसारी को कैदी वाहन से गाजीपुर जिला जेल रवाना कर दिया गया। जेल में अंसारी की सुरक्षा और उन्‍हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर डीएम और एसएसपी ने कहा कि इस बारे में जेल अधीक्षक जेल मैनुअल के हिसाब से व्‍यवस्‍था करेंगे।

क्‍या था मामला
अफजाल अंसारी और मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्‍टर का ये मामला करंडा थाना और मोहम्‍दाबाद थानों में दर्ज आपराधिक मुकदमों के आधार पर बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है। इसमें अफजाल पर जहां 2005 में हुई भाजपा विधायक कृष्‍णानंद राय की हत्‍या का मामला है वहीं मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ इसके अलावा रुंगटा अपहरण और हत्‍याकांड का भी मामला है।

29 नवम्‍बर 2005 को एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन कर लौटते वक्‍त बसनिया चट्टी के पास मुख्‍तार अंसारी गैंग के गुर्गों ने करीब 500 राउंड फायरिंग कर विधायक कृष्‍णानंद राय समेत सात लोगों की हत्‍या कर दी थी। इस मामले में कुख्‍यात अपराधी मुन्‍ना बजरंगी का नाम मुख्‍य तौर पर उभरकर सामने आया था। मुन्‍ना बजरंगी की कुछ साल पहले जेल में हत्‍या हो गई थी।

22 नवम्‍बर 2007 को मोहम्‍दाबाद पुलिस ने भांवरकोल और वाराणसी के मामले को गैंग चार्ट में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्‍तार अंसारी को शामिल करते हुए गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था। अफजाल अंसारी इस मामले में जमानत पर थे। गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत अफजाल-मुख्‍तार के बहनोई एजाजुल हक को भी आरोपी बनाया गया था। उनका निधन हो चुका है। बता दें कि सूबे में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश के माफिया गिरोहों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ तो अफजाल-मुख्‍तार के खिलाफ दर्ज इस मामले में भी तेजी आई। योगी सरकार ने सबसे पहले पंजाब जेल में आराम से दिन काट रहे मुख्‍तार अंसारी को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट कराया। 23 सितंबर 2022 को सांसद अफजाल अंसारी और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ न्यायालय में प्रथम दृष्टया आरोप तय किया गया था। एक अप्रैल को इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी। पहले इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में इस तारीख को बढ़ाकर 22 अप्रैल कर दिया गया था।

सांसदी जाना तय
अफजाल अंसारी अब सजायाफ्ता हो गए हैं। नियमों के मुताबिक किसी आपराधिक मामले में दो साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद जनप्रतिनिधि की विधानसभा या संसद की सदस्‍यता स्‍वत: खत्‍म हो जाती है। माना जा रहा है कि अफजाल को चार साल की सजा होने के बाद 24 से 48 घंटे में उसकी लोकसभा की सदस्‍यता खत्‍म हो सकती है।

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